क्राइम

ऑनलाइन गेमिंग एप की आड़ में जुए का साम्राज्य, युवाओं की कमाई उड़ाने वाले 11 आरोपी सलाखों के पीछे

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देवास। ऑनलाइन गेमिंग ऐप के नाम पर युवाओं से लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह का देवास पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद के निर्देशन में चलाए जा रहे “ऑपरेशन सायबर” के तहत इस बड़े रैकेट पर शिकंजा कसते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई में 50 हजार रुपये का माल भी बरामद किया गया है।

मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में एसपी श्री गेहलोद ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह गिरोह ऑनलाइन गेमिंग एप और वेबसाइट्स के जरिए युवाओं को तेज मुनाफे का लालच देकर अवैध सट्टा खिलवा रहा था। धीरे-धीरे युवा इस जाल में फंसते चले गए और आर्थिक रूप से तबाह हो गए।

ऐसे खुला ठगी का खेल-
थाना हाटपीपल्या क्षेत्र में सक्रिय आरोपी जाकिर पठान पिता अय्युब पठान, निवासी अण्डा गली हाटपीपल्या, लंबे समय से ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए सट्टा संचालन कर रहा था। पुलिस जांच में सामने आया कि वह अरुण तंवर और हरिश सोलीवाल के इशारे पर काम कर रहा था। आरोपियों द्वारा funrep.pro, mydgp.online और playrep.pro नामक वेबसाइट्स के माध्यम से 24×7 हार-जीत का ऑनलाइन सट्टा संचालित किया जा रहा था।

ठगी का पूरा तरीका-
आरोपी सट्टा खेलने के इच्छुक लोगों से अलग–अलग बैंक खातों में पैसे जमा करवाते थे। इसके बाद उन्हें वेबसाइट की आईडी और पासवर्ड दिया जाता था।

जमा रकम के बदले प्वाइंट्स दिए जाते थे। इन्हीं प्वाइंट्स से ग्राहक ऑनलाइन गेम खेलते थे। जीत की राशि UPI के जरिए भेजी जाती। भुगतान में अक्सर फर्जी और ठगी से प्राप्त पैसों का उपयोग किया जाता था। पूरे नेटवर्क की मास्टर आईडी इंदौर निवासी राहुल चौरसिया से ली जाती थी, जिसके अंतर्गत हाटपीपल्या क्षेत्र में कई एजेंट आईडी बनाई गई थीं। इन्हीं एजेंट्स के जरिए सैकड़ों युवाओं को फंसाकर लाखों–करोड़ों रुपये की ठगी की गई।

आत्महत्या तक पहुंचा मामला-
इस गेमिंग एप के कारण हुए आर्थिक नुकसान का सबसे दुखद पहलू यह रहा कि नगर निवासी योगेश अग्रवाल ने भारी कर्ज और मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या कर ली थी। यह मामला पुलिस के लिए गंभीर चेतावनी बना, जिसके बाद कार्रवाई को और तेज किया गया। थाना प्रभारी दीपक यादव के नेतृत्व में आरोपी जाकिर पठान को गिरफ्तार किया व पूछताछ की।

पहले से दर्ज हैं मामले-
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि उक्त ऑनलाइन गेमिंग ऐप के खिलाफ थाना करही (जिला खरगोन) और क्राइम ब्रांच इंदौर में भी पूर्व से प्रकरण दर्ज हैं।

पुलिस की सख्त चेतावनी-
एसपी पुनीत गेहलोद ने पत्रकार वार्ता में स्पष्ट कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, सट्टा और जुए की आड़ में युवाओं का भविष्य बर्बाद करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

गिरफ्तार आरोपीः
01. हरिश सोलीवाल पिता अशोक निवासी हाटपीपल्या (आईडी संचालक)।
02. अरुण तंवर पिता गोविंद निवासी अशोकगंज हाटपीपल्या (आईडी संचालक)।
03.जाकिर पठान पिता अय्युब निवासी हाटपीपल्या (एजेंट)।
04.अक्षत पिता सुनील टांडी उम्र 20 साल निवासी हाटपीपल्या (एजेंट)।
05. दुर्गेश पिता श्रीराम पाटीदार निवासी कनोंदिया मण्डलेश्वर जिला खण्डवा (एजेंट)।
06.राजकुमार पिता मुरलीधर जायसवाल उम्र 32 साल निवासी गंधवानी जिला धार (एजेंट)।
07. जितेन्द्र पिता सूरज सिंह संघठ उम्र 33 साल निवासी हाटपीपल्या (एजेंट)।
08. शहजाद पिता सिराज कुरैशी उम्र 48 साल निवासी पुंजापुरा (एजेंट)।
09. सुनील पिता देवीलाल पंडित उम्र 30 साल निवासी हाटपीपल्या (एजेंट)।
10. सुभाष पिता सुमेर दरबार उम्र 45 साल निवासी हाटपीपल्या (एजेंट)।
11.बगोलू पिता सुरेश अण्डेरिया उम्र 32 साल निवासी हाटपीपल्या (एजेंट)।

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