प्याज के वैज्ञानिक भंडारण से होगा किसानों को फायदा

– सीआईएई भोपाल ने बड़ी चुरलाई में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया
देवास। केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई) भोपाल द्वारा “प्याज का वैज्ञानिक भंडारण एवं मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली का प्रदर्शन” विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ग्राम बड़ी चुरलाई में गुरु गंगदास फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम में सीआईएई के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने प्याज के वैज्ञानिक भंडारण की आधुनिक तकनीक एवं मॉड्यूलर भंडारण प्रणाली की जानकारी किसानों को दी। प्रशिक्षण में लगभग 100 से अधिक किसान शामिल हुए और उन्होंने आधुनिक भंडारण प्रणाली के फायदों के बारे में जाना।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. आदिनाथ काटे ने किसानों को सीआईएई द्वारा विकसित मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली की विशेषताओं और उसकी संरचना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पारंपरिक भंडारण की तुलना में इस प्रणाली से प्याज का वजन घटने, सड़न और खराबी की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. एस. मंगराज ने कहा कि प्याज के भंडारण की वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर किसान न केवल नुकसान कम कर सकते हैं बल्कि अपने उत्पाद की गुणवत्ता भी लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक डॉ. एमएल जाट का यह निर्देश है कि अनुसंधान अब मांग संचालित और किसान केंद्रित होना चाहिए, ताकि इसका सीधा लाभ किसानों तक पहुंचे।

कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि जगपाल सिंह सिकरवार, चेयरमैन, गुरु गंगदास फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने अपने उद्बोधन में कहा, कि केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान द्वारा तैयार की गई मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। इससे न केवल प्याज की गुणवत्ता बनी रहेगी, बल्कि भंडारण के दौरान होने वाले आर्थिक नुकसान में भी कमी आएगी। हमें इस तकनीक को अपनाकर खेती को और लाभकारी बनाना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में किसानों के समक्ष प्याज भंडारण प्रणाली का लाइव प्रदर्शन किया गया। इस दौरान किसानों ने वैज्ञानिकों से कई व्यावहारिक प्रश्न पूछे और अपने अनुभव साझा किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन में अभिप्सा खोब्रागडे, आंचल जैसवाल, जीवन ज्योत सिंह एवं वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दल का विशेष सहयोग रहा।



