वीर सपूत संजय मीणा को नम आंखों से दी अंतिम विदाई

टोंकखुर्द/भौंरासा (विजेंद्रसिंह ठाकुर)। ग्राम संवरसी के वीर सपूत संजय मीणा की शहादत पर पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया। ड्यूटी के दौरान मिट्टी धंसने से शहीद हुए संजय मीणा का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा, तो हजारों की भीड़ ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। भारत माता के जयकारों से संवरसी का आसमान गूंज उठा।
नगर के ग्राम संवरसी में रहने वाले लालसिंह के सबसे छोटे पुत्र संजय मीणा की शहादत की शौर्य यात्रा पर हजारों देशभक्तों ने सम्मिलित होकर श्रद्धांजलि दी एवं भारत माता के जयकारों संपूर्ण ग्राम गूंज उठा।
ग्राम के रहने वाले संजय मीणा ने 2013 में फौज में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया था और आज भारतीय सेना में उनकी सेवा 12 वर्ष को हो चुकी थी 3 साल बाद स्वयं भी रिटायर होने वाले थे साथ ही उनके बड़े भाई हेमंत मीणा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे तकरीबन 3 से 4 माह रिटायर हो जाएंगे।
पूरे परिवार, ग्राम में देश भक्ति का जुनून-
ग्राम के लालसिंह मीणा के चार पुत्र हैं, जिसमें से 3 ने भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया था और साथ ही 1 पुत्र किसान है। जानकारी के अनुसार संपूर्ण ग्राम में लगभग 65 फौजी हैं, जिसमें से 45 रिटायर हो चुके हैं।

शहीद संजय मीणा का पार्थिव शरीर भारतीय सेना द्वारा सुबह 7 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर लाया गया। देवास के रसूलपुर चौराहे पर यात्रा शुरू हुई। भारत माता के जयकारों के साथ यात्रा देवास होते हुए भौंरासा फाटा पहुंची। नगर में प्रवेश करते ही समस्त नगरवासियों ने अपने घरों से पुष्पवर्षा कर शहीद मीणा को अंतिम विदाई दी, जिसके बाद ग्राम संवरसी पहुंची। शहीद संजय मीणा के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन में सम्मान से लाया गया, जिसमें आगे शहीद का फोटो था और रथ को फूलों से सजाया गया।
बचपन से था देशभक्ति का जुनून-
शहीद नायक संजय मीणा पढ़ने-लिखने में भी अच्छे थे। ग्राम के ही शासकीय स्कूल से अपनी शिक्षा ग्रहण की। बालक उम्र से फौज में जाने की तैयारी कर रहे थे और 2013 में अपनी मेहनत से सेना में भर्ती हुए। ग्राम लालसिंह के चार पुत्रों में 3 पुत्र भारतीय सेना में है, जिसमें सबसे बड़े लड़के रामप्रसाद मीणा रिटायर हो चुके, दूसरे बेटे कैलाश मीणा किसान है, तीसरे बेटे हेमंत मीणा भारतीय सेना में है। इसके बाद सबसे छोटे बेटे शहीद संजय मीणा जो शहीद हुए।

वीर सपूत संजय मीणा की शादी 2015 में हुई थी। अपने पीछे पत्नी पूनम मीणा और दो छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ गए, जिसमें एक लड़का युवराज सिंह 9 वर्ष का है और एक लड़की प्रतिभा की उम्र 6 वर्ष है।
संजय मीणा अंबाला में पदस्थ थे और अरुणाचल प्रदेश में अपनी बटालियन के साथ गए हुए थे, इसी दौरान मिट्टी धंसने से दब गए थे। 3 दिनों से सेना के जवान खोजबीन कर रहे थे। परिजनों का 5 दिन से कोई सम्पर्क नहीं रहा था। शुक्रवार करवा चौथ के दिन उनका शव बरामद हुआ। पत्नी को नहीं बताया गया था। उनकी पत्नी पूनम मीणा ने करवा चौथ का व्रत कर पति की लंबी उम्र की कामना की थी। शहीद नायक के बेटे युवराज ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर विदा किया।
राजनीति भी हुई-
क्षेत्रीय विधायक डॉ. राजेश सोनकर ने सुबह 7 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ में पैतृक गांव आए। कांग्रेस से पूर्व विधायक सज्जनसिंह वर्मा भी पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सज्जनसिंह वर्मा द्वारा अपनी सरकार के समय हुए कुलाला के शहीद संदीप यादव से तुलनात्मक बात कर कहा कि मैं जब मंत्री पद पर था तब 3 दिन में 1 करोड़ रुपए की राशि हमारी सरकार ने शहीद परिवार को दी थी। आज न कलेक्टर और न ही पुलिस अधीक्षक मौजूद है। प्रभारी मंत्री, सांसद भी उपस्थित नहीं हुए।
इस दौरान वर्तमान विधायक डॉ. सोनकर ने कहा कि उक्त जगह राजनीति करना ठीक नहीं है। यहां हम एक शहीद की अंतिम विदाई में पहुंचे हैं। कांग्रेस के नेता बहुत वरिष्ठ हैं। उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि कहां कब और क्या बोलना चाहिए। ग्रामीणों की मांग पर शहीद के नाम से स्वागत द्वार, स्मारक, स्कूल का नाम, सरकार के आदेश अनुसार 1 करोड़ की राशि, परिवार में सरकारी नौकरी नियम अनुसार दी जाएगी। साथ ही बच्चों की पढ़ाई विधायक होने के नाते मैं स्वयं करवाऊंगा, चिंता न करें। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आपके साथ और हमेशा शहीदों के परिवारजनों के साथ रहेगी। प्रशासन की ओर से टोंकखुर्द एसडीएम संजीव सक्सेना, तहसीलदार, गौरव निरंकारी, नायब तहसीलदार रवि शर्मा, एसडीओपी दीपा मांडवे,थाना प्रभारी प्रीति कटारे व्यवस्थाएं संभाले हुए थे।



