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    महिला शिकायत पेटियां बनीं उपेक्षा की शिकार, कांग्रेस ने उठाए सवाल

    ByNews Desk

    Jun 4, 2025
    शिकायत पेटी
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    देवास। महिलाओं की सुरक्षा और गोपनीयता को प्राथमिकता देते हुए पुलिस द्वारा शहर के विभिन्न चौराहों, सार्वजनिक स्थलों और बाजार क्षेत्रों में स्थापित की गई महिला शिकायत पेटियां अब स्वयं उपेक्षा का शिकार हो चुकी हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह नवाचार अब दिखावे की वस्तु बनकर रह गया है।

    शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी और कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर शर्मा ने इस गंभीर मामले को उजागर करते हुए बताया कि जब इन पेटियों को लेकर जानकारी जुटाई गई, तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। न केवल इन शिकायत पेटियों को महीनों से नहीं खोला गया, बल्कि अधिकांश पेटियों के ताले तक जंग खा चुके हैं। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यदि किसी महिला ने साहस कर इन पेटियों में अपनी शिकायत डाली भी होगी, तो वह पत्र या तो सड़ चुका होगा या रद्दी बन चुका होगा।

    शिकायतें पेटियों में कैद-
    राजानी ने कहा, जब संबंधित थानों द्वारा इन पेटियों की नियमित जांच ही नहीं की जा रही, तो महिलाओं को न्याय कैसे मिलेगा? पुलिस प्रशासन ने एक अच्छी योजना शुरू की थी, लेकिन उसकी निगरानी और जिम्मेदारी तय न होने के कारण यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।

    सिर्फ लगाना ही काफी नहीं, जिम्मेदारी भी तय हो-
    कांग्रेस नेताओं का कहना है कि किसी भी जनकल्याणकारी योजना को सफल बनाने के लिए केवल उसकी शुरुआत करना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उसके क्रियान्वयन और निगरानी के लिए जवाबदेह अधिकारियों की नियुक्ति भी जरूरी होती है। यदि इन पेटियों की समय-समय पर जांच होती, तो न केवल शिकायतकर्ता महिलाओं को राहत मिलती, बल्कि व्यवस्था पर उनका विश्वास भी बना रहता।

    पुलिस अधीक्षक से कांग्रेस ने की मांग-
    इस संदर्भ में कांग्रेस ने देवास के पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत से अनुरोध किया है कि वे इस विषय को गंभीरता से लेते हुए महिला शिकायत पेटी योजना की समीक्षा करें और प्रत्येक थाने में एक उत्तरदायी अधिकारी की नियुक्ति सुनिश्चित करें, जो इन शिकायतों की निगरानी करते हुए समय पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करे।