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13 दिन की अंधेरी रातों के बाद रोशन हुई कांटा सेंटर कॉलोनी

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– ट्रांसफार्मर बदला, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

सिरोल्या (अमर चौधरी)। लंबे इंतजार और परेशानियों के बाद आखिरकार सिरोल्या की कांटा सेंटर कॉलोनी के ग्रामीणों को राहत मिल ही गई।

यहां पिछले 13 दिनों से ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण 29 घरों में बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप थी। लगातार अंधकार में डूबे रहने से ग्रामीण गर्मी और मच्छरों के प्रकोप से बेहाल हो गए थे। अब गुरुवार को नया ट्रांसफार्मर लगने के बाद दोपहर में बिजली बहाल हुई, तो लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई।

अंधेरे में बीते कई दिन-
जानकारी के अनुसार, करीब दो सप्ताह पहले कांटा सेंटर कॉलोनी में ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली सप्लाई बाधित हो गई थी। बिजली वितरण केंद्र सिरोल्या द्वारा दो बार नए ट्रांसफार्मर लगाए गए, लेकिन दोनों ही कुछ घंटों में जल गए। लगातार असफल प्रयासों से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती गई।

रात में पूरे मोहल्ले में ब्लैकआउट का माहौल रहता था। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, बुजुर्ग गर्मी और मच्छरों से परेशान थे, वहीं महिलाएं पानी भरने और घरेलू कार्यों में भी कठिनाई का सामना कर रही थीं।

सरपंच प्रतिनिधि ने किया हस्तक्षेप-
लगातार 13 दिनों से बिजली न मिलने पर ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत सरपंच मनीषा शेखर चौधरी के घर पहुंचकर अपनी नाराजगी जताई और समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की।
इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि शेखर चौधरी ने ग्रामीणों को शांत कराते हुए बिजली विभाग से तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया। उन्होंने बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता नरेंद्र बेले से फोन पर चर्चा कर स्थिति से अवगत कराया और नए ट्रांसफार्मर की तत्काल व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

विभाग ने बदला ट्रांसफार्मर, दोपहर बाद आई बिजली-
लगातार शिकायतों और जनप्रतिनिधियों की पहल के बाद गुरुवार सुबह बिजली विभाग की टीम कांटा सेंटर कॉलोनी पहुंची। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर को हटाकर नया ट्रांसफार्मर लगाया गया। दोपहर बाद बिजली सप्लाई शुरू हुई, जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

ग्रामीणों ने जताया आभार-
बिजली बहाल होने पर ग्रामीणों और ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने बिजली विभाग का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों ने कहा कि इतने दिनों तक अंधेरे में रहने के बाद अब मोहल्ले में फिर से रौनक लौट आई है।

सरपंच प्रतिनिधि शेखर चौधरी ने कहा कि हमने संबंधित अधिकारियों से लगातार संपर्क में रहकर समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए। अंततः ग्रामीणों की परेशानी खत्म हुई, यह सबसे बड़ी राहत है।

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