स्वास्थ्य

कहीं मन की थकान बीमारी में न बदल जाए

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– समय रहते पहचानिए मानसिक तनाव को, न करें नजरअंदाज

– यहां मन का इलाज होता है, हर दर्द को सुना जाता है खामोशी से

– अमलतास अस्पताल का मनोरोग विभाग बना उम्मीद की नई किरण

देवास। अमलतास अस्पताल का मनोरोग विभाग आज उन लोगों के लिए सहारा बन चुका है, जो तन से नहीं बल्कि मन से हारे हुए हैं। यह वह विभाग है, जहां इंसान अपने मन की उलझनों, डर, तनाव, और बेचैनियों की गांठ खोलने आता है। यहां हर मरीज की बात को न सिर्फ सुना जाता है, बल्कि समझा भी जाता है, क्योंकि मन की शांति ही तन की शक्ति का आधार है।

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में तनाव, असफलता, रिश्तों में दरार, अकेलापन, और नशे की लत मनोरोग के प्रमुख कारण बन रहे हैं। इसके अलावा नींद की कमी, डिजिटल लत (मोबाइल या सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग), हार्मोनल असंतुलन, पारिवारिक कलह और आर्थिक परेशानियां भी मानसिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित कर रही है। अमलतास अस्पताल के मनोरोग विभाग में प्रतिदिन कई मरीज इस प्रकार की समस्या को लेकर आ रहे हैं। यहां उन्हें चिकित्सकों का कुशल मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। यहां प्रतिदिन 20 से अधिक मरीज आ रहे हैं।

मनोरोग के प्रमुख लक्षण-
विभाग के डॉ. समीर देसाई बताते हैं, कि मनोरोग हमेशा दिखाई नहीं देते, पर कुछ संकेत ऐसे हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है, जैसे लगातार उदासी या चिंता बने रहना। काम में रुचि कम होना या ध्यान केंद्रित न कर पाना। चिड़चिड़ापन, गुस्सा या बेचैनी महसूस होना। नींद न आना या ज़रूरत से ज़्यादा सोना। थकान, ऊर्जा की कमी या शरीर में भारीपन रहना। खाने की आदतों में अचानक बदलाव। आत्मविश्वास में कमी या जीने की इच्छा में गिरावट। अगर ऐसे लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह संकेत है कि व्यक्ति को मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

कब लें चिकित्सक की सलाह?
डॉ. विनीत अग्रवाल बताते हैं, कि जब मानसिक समस्या रोजमर्रा के कामकाज, रिश्तों या नींद को प्रभावित करने लगे, तब बिना देरी किए मनोरोग चिकित्सक की मदद लेना चाहिए, क्योंकि जल्दी इलाज और सही काउंसलिंग से व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।

मेडिसिन और काउंसलिंग से इलाज-

इस विभाग में मरीजों का इलाज मेडिसिन और काउंसलिंग दोनों माध्यमों से किया जा रहा है। यहां की टीम में शामिल हैं, डॉ. समीर देसाई, डॉ. विनीत अग्रवाल, डॉ. सागर मुद्गल, डॉ. आशुतोष भटेले और डॉ. खालिद पटेल, डॉ. सूर्यप्रताप सिंह। यह अनुभवी टीम हर मरीज की बात को गोपनीयता, सम्मान और संवेदना के साथ सुन रही है और उन्हें सही दिशा दे रही है।

डॉ. खालिद पटेल खान का कहना है, मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही जरूरी है। अगर आपका मन भारी है, तो मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं। मनोरोग कमजोरी नहीं, यह एक इलाज योग्य अवस्था है। उचित दवाई और काउंसलिंग से मरीज 3 से 6 महीने में स्वस्थ हो सकता है। सही समय पर सही परामर्श लेकर व्यक्ति फिर से ऊर्जा, आत्मविश्वास और खुशी से भरपूर जीवन जी सकता है। उन्होंने बताया, कि अमलतास के मनोरोग विभाग का उद्देश्य केवल इलाज देना नहीं, बल्कि हर मरीज को नया जीवन दृष्टिकोण देना है।

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