धर्म-अध्यात्म

गणेश चतुर्थी पर क्षेत्र में उल्लास का वातावरण

Share

 

घर-घर एवं सार्वजनिक पंडालों में गूंजे “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। बेहरी सहित समूचे क्षेत्र में इस वर्ष भी परंपरा के अनुसार गणेश उत्सव बड़े धूमधाम और श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की प्रतिमाओं की स्थापना घर-घर एवं सार्वजनिक पंडालों में की गई। पूरे गांव में उत्साह और भक्ति का अनोखा माहौल देखने को मिल रहा है।

गांव में इस अवसर पर चार प्रमुख स्थानों पर भव्य दरबार सजाए गए हैं। मां कात्यानी देवी मंदिर परिसर में आकर्षक विद्युत सज्जा के बीच गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई है। यहां विगत 25 वर्षों से निरंतर गणेशोत्सव आयोजित होता आ रहा है, जिसमें प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है।

नृर्सिंग मोहल्ले के अंबे माता चौक पर भी प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भव्य पंडाल बनाया गया है। यहां के युवा पिछले 20 वर्षों से लगातार 10 दिवसीय उत्सव को सामूहिक रूप से मनाते हैं। प्रतिदिन रात में सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें क्षेत्र की प्रतिभाएं अपनी प्रस्तुतियां देती हैं।

खेड़ापति मंदिर परिसर एवं यादव मोहल्ला स्थित श्रीराम मंदिर परिसर में गणेश जी की सुंदर प्रतिमाएं विराजित की गई हैं। नरसिंह मोहल्ले में एनसीसी ग्रुप द्वारा सजाए गए पंडाल में आकर्षक प्रतिमा स्थापित की गई है। इनके अलावा भी कई मोहल्लों व घरों में श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से गणपति जी का आवाहन कर स्थापना की है।

भक्ति और सांस्कृतिक रंग में रंगा गांव-
गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक चलने वाले इस महोत्सव के दौरान सुबह-शाम आरती, भजन, भोग और धार्मिक आयोजन होंगे। श्रद्धालु बप्पा को मोदक, लड्डू सहित विभिन्न प्रसाद अर्पित करेंगे। गांव का वातावरण हर ओर “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों से गूंज रहा है। सांस्कृतिक आयोजनों में भजन-कीर्तन, नृत्य-नाट्य और लोकगीतों की प्रस्तुतियां होंगी। बच्चे, युवा और महिलाएं मिलकर उत्सव को और भी आनंदमय बना रहे हैं।

बुजुर्गों ने बताया महत्व-
क्षेत्र के बुजुर्गों पूर्व जनपद सदस्य नाथू सिंह सेठ, मूलचंद पाटीदार, भागीरथ पटेल, देवकरण यादव, बद्रीलाल पाटीदार और पूर्व सरपंच सिद्धनाथ सावनेर ने बताया, कि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि और सफलता के देवता के रूप में पूजा जाता है। प्रत्येक शुभ कार्य और धार्मिक आयोजन की शुरुआत गणेश वंदना से करने की परंपरा है। उनके जीवन और लीलाओं से हमें धैर्य, विवेक और समर्पण की प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि बेहरी में हर वर्ष यह पर्व पूरे सौहार्द और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है, कि गणपति बप्पा की कृपा से गांव-क्षेत्र में कोई संकट नहीं आता और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Related Articles

Back to top button