धर्म-अध्यात्म

रक्षाबंधन पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया

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बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। क्षेत्र में रक्षाबंधन का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने पारंपरिक परिधान पहनकर थालियों में रोली, अक्षत, दीपक एवं मिठाई सजाई और भाई की आरती उतारकर कलाई पर प्रेम का धागा बांधा।

भाइयों ने इसे रिश्तों में मिठास, विश्वास और प्रेम बढ़ाने वाला पर्व माना गया। बहन ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर आशीर्वाद देकर तरक्की की कामना की। वहीं भाई ने बहनों को मिठाई, कपड़े और नगद उपहार देकर जीवनभर बहन की रक्षा का वचन दिया। क्षेत्र में त्योहार को लेकर सुबह से लेकर रात तक उत्साह बना रहा। बहने भाइयों से मिलने दूरदराज से गांव पहुंची। इस अवसर पर कपड़े, राखी, मिठाई की दुकान पर भी भीड़ उमडी और बाजार में चहल-पहल रही।

कात्यायनी मंदिर के पुजारी पं. सुरेशचंद्र उपाध्याय ने सत्संग में कहा, कि सावन माह की पूर्णिमा तिथि के बाद भाद्रपद माह की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान कई शुभ योग भी बन गए। इस साल राखी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग का निर्माण हुआ। इन योगों में राखी बांधने से भाई की तरक्की में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। राखी विधि के अनुसार ही बांधनी चाहिए। इससे रिश्तों में मिठास बनी रहती है।

पं. उपाध्याय ने कहा, कि रक्षाबंधन एक मानसूनी त्यौहार है, जिसका गहरा अर्थ है। बारिश का मौसम जीवन की सारी गंदगी और उलझनों को मिटा देता है। यह मौसम हमें समृद्धि और जीवन का भरपूर आनंद लेने की एक नई उम्मीद देता है, इसीलिए भाई-बहनों के बीच प्यार के अटूट बंधन और सौभाग्य के आगमन का उत्साह मनाने के लिए श्रावण मास को पवित्र माना जाता है।

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