मेहनत की फसल: सब्जियों से ‘लखपति दीदी’ बनीं केतकी बाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ की मिट्टी ने फिर एक मिसाल गढ़ दी है। दुर्ग जिले की केतकी बाई पटेल ने सब्जी की खेती को अपने आत्मनिर्भरता का जरिया बनाते हुए एक नया मुकाम हासिल किया है।
बिहान योजना के सहयोग और अपनी मेहनत के दम पर वे आज ‘लखपति दीदी’ के नाम से जानी जाती हैं। खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उन्होंने साबित किया है कि अगर इरादे मजबूत हों तो संसाधनों की कमी भी सफलता की राह नहीं रोक सकती।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान“ के माध्यम से आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी केतकीबाई पटेल आज “लखपति दीदी“ के नाम से जानी जाती हैं। जनपद पंचायत दुर्ग के आमटी ग्राम की निवासी और प्रगति महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष केतकी दीदी ने सब्जी उत्पादन और विक्रय से अपनी मेहनत और निश्चय के बल पर आर्थिक समृद्धि हासिल की है।
शुरुआत में संघर्ष करना पड़ा, फिर समूह से उनको सहारा मिला। समूह से जुड़ने से पहले दीदी के पास संसाधनों की कमी थी। सब्जी उत्पादन की इच्छा होते हुए भी आर्थिक तंगी के कारण वे इसे बड़े स्तर पर नहीं कर पा रही थीं। जब उन्हें बिहान योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्वयं पहल कर महिला साथियों के साथ स्व-सहायता समूह का गठन किया। छोटी-छोटी बचत करके अपने समूह को सशक्त बनाई। उसके उपरांत उन्होंने बैंक लिंकेज के माध्यम से 30 हजार का लोन लिया और सब्जी उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया। बिहान योजना से सामुदायिक निवेश कोष से 20 हजार का लोन प्राप्त कर अपना व्यवसाय को आगे बढ़ाया।
केतकी दीदी ने एक एकड़ निजी भूमि में सब्जी उत्पादन शुरू किया और धीरे-धीरे आधुनिक तकनीक अपनाते हुए, जैसे कि मचान विधि, उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ाई। आज उनके खेत में भिंडी, बरबटी, करेला, मक्का, बैगन, भाजी जैसी कई मौसमी सब्जियां उगाई जाती हैं। वे सप्ताह में चार दिन बाजार में विक्रय कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है। दो दिन निकुम बाजार और दो दिन आलबरस बाजार में सब्जियों की बिक्री करती हैं। उनकी दैनिक बिक्री लगभग 3500 रुपए तक होती है, जिससे सप्ताह में लगभग 14 हजार रुपए और महीने में 32 हजार रुपए तक की शुद्ध आय होती है। वार्षिक रूप से वे करीब 3.5 लाख रुपए की आमदनी कर रही हैं।
आमदनी बढ़ने के साथ ही केतकी दीदी ने स्वयं का पक्का मकान बनवाया, पावर डीलर मशीन खरीदी और अब उन्होंने पांच एकड़ अतिरिक्त भूमि भी अर्जित कर ली है, जिसमें वे धान की खेती करती हैं। आज केतकी दीदी अपने मेहनत के दम पर उत्कृष्ट लखपति बनी है और सब्जी उत्पादन के कार्यों से अपनी एक नई पहचान बना रही है।



