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Holi के हंसी भरे पक्के रंग अपनो के संग

ByNews Desk

Mar 13, 2025
Holi
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होली का त्योहार सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि हंसी-ठिठोली और मज़ाक-मस्ती का भी पर्व है। यह वही समय है जब ज़िंदगी के छोटे-छोटे पल हमें मुस्कुराने का मौका देते हैं। आइए, उन लम्हों को संजोते हैं, जो हमें गुदगुदाते हैं और चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं।

हंसी के पक्के रंग:
🎨 प्रसिद्ध कंपनियों का ऑयल पेंट भले ही कुछ साल चले या ना चले, लेकिन उनकी बाल्टी गारंटी से कई सालों तक चलती है। कुछ लोग तो बाल्टी का इस्तेमाल इतने तरीकों से करते हैं कि कंपनी वालों को खुद भी शक होने लगे कि उन्होंने पेंट बेचा था या बाल्टी!

📸 🎭 अच्छा फोटो न आए तो पहले मोबाइल पर इल्ज़ाम, फिर बैकग्राउंड को कोसना और आखिर में फोटोग्राफर को जिम्मेदार ठहराना—लेकिन शक्ल पर शक करना गुनाह समझा जाता है! इसीलिए कुछ लोग फ़िल्टर के बिना फोटो खिंचवाने से पहले भी पूजा-पाठ कर लेते हैं।

🧐 अपना व्यवहार इतना भी बुरा मत रखिए कि दूसरों के स्टेटस आपको अपने लिए लिखे हुए लगें। और अगर ऐसा हो रहा है, तो एक बार मन ही मन सोचना ज़रूर कि गलती कहां हो रही है!

📩 शादी का कार्ड मिलते ही यदि आप सबसे पहले ‘प्रीतिभोज’ की तारीख देखें, तो मान लीजिए कि आपके अंदर अर्जुन जैसी लक्ष्यभेदी दृष्टि है। बाकी रिश्तेदार कौन हैं, दूल्हा कौन है, ये सब गौण बातें हैं!

😲 नोबेल पुरस्कार उन लोगों के लिए भी होना चाहिए जो 100 शब्द प्रति मिनट की स्पीड से बोलने के बाद कहते हैं—‘मेरा मुंह मत खुलवाओ!’ क्योंकि अगर उनका मुंह खुल गया तो आस-पास वाले कान बंद कर लेंगे।

🧥 ब्रांडेड चीज़ें पहनने की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि बार-बार लोगों को समझाना पड़ता है कि ‘भाई, ये ओरिजिनल है!’ और सामने वाला फिर भी शक की नज़रों से देखता है, जैसे वो खुद ही कंपनी का मालिक हो!

🛵 घर-परिवार में भले ही आपकी कोई कदर न हो, लेकिन अगर बाइक का साइड स्टैंड खुला रह जाए, तो हर राह चलता बंदा भी आपको टोक देगा—‘भइया, स्टैंड!’ यही सच्ची इंसानियत है!

😬 डॉक्टर ने एक वृद्ध का चेकअप करने के बाद कहा—‘बाबा, एक बार न्यूरोलॉजिस्ट को भी दिखा लीजिए।’ बाबा बोले—‘कौन डॉक्टर?’ डॉक्टर समझाने लगे—‘मतलब किसी दिमाग वाले डॉक्टर को।’ बाबा मुस्कुराए और बोले—‘हम तो समझे, आपके पास भी होगा!’

🚉 एक स्टेशन पर ट्रेन नहीं रुकती थी और एक यात्री को वहीं उतरना था। किसी ने उसे सलाह दी—‘चलती ट्रेन से दौड़ते हुए उतर जाना, गिरोगे नहीं।’ जब स्टेशन आया, तो वह दौड़ते हुए उतरा, लेकिन अगले दो डिब्बों के पास जाकर फिर से ट्रेन में चढ़ा दिया गया। यात्रियों ने कहा—‘भाग्यशाली हो, इस स्टेशन पर ट्रेन रुकती ही नहीं!’

🌈 तो इस होली पर रंगों के साथ-साथ हंसी के भी फव्वारे छोड़िए और अपने अपनों के संग इस खुशी के त्योहार का भरपूर आनंद लीजिए!

होली है!

Mahesh soni