क्राइम

देवास पुलिस का ऑपरेशन सायबर: ठगों के पसीने छूटे, जनता हुई अलर्ट!

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Cyber crime

देवास। क्या आपने कभी सोचा है कि एक कॉल आपकी जेब खाली कर सकता है? लेकिन अब डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि देवास पुलिस का ‘ऑपरेशन सायबर’ ठगों के मंसूबों पर पानी फेरने में जुटा है।

पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद की अगुवाई में चल रहे इस अभियान ने कई लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनने से बचा लिया। देवास पुलिस और सायबर सेल की जागरूकता व तत्परता ने ठगों की ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कीम को ‘डिजिटल फ्लॉप’ में बदल दिया है।

नंबर 1: फर्जी अधिकारी की पोल खुली!

नीतू, हरणगांव निवासी को एक अज्ञात कॉल आया। कॉलर बोला, “मैं शिक्षा विभाग का अधिकारी बोल रहा हूं, आपने 20 हजार रुपए का गबन किया है। आपको यह राशि मुझे जमा करानी होगी, तुरंत पैसे भेजो, नहीं तो रिपोर्ट दर्ज हो जाएगी!”
नीतू को बात कुछ अटपटी लगी और उन्होंने तुरंत सायबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर दी। पुलिस की सलाह से नीतू ने ठग को कोई पैसा नहीं दिया।

नंबर 2: 6,000 रुपए का लालच दिया-

संतोष निवासी बागली को एक कॉल आया, कहा मैं महिला बाल विकास का अधिकारी बात कर रहा हूं। आपके घर में डिलीवरी हुई है। आपके खाते में 6,000 रुपए ट्रांसफर होंगे। मैं आपको मोबाइल पर एक लिंक भेज रहा हूं। लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपके खाते में रुपए आ जाएंगे।
संतोष ने ठग के झांसे में न आते हुए 1930 पर सूचना दी। नतीजा? ठग का प्लान धरा का धरा रह गया।

नंबर 3: ठग बना आर्मी ऑफिसर!

राजेंद्र निवासी बैंक नोट प्रेस को एक फर्जी ‘आर्मी ऑफिसर’ का कॉल आया। “मुझे फोर्स के साथ जाना है। 50 हजार रुपए दे दो, मैं लौटकर 1 लाख वापस कर दूंगा!
राजेंद्र ने 1930 पर कॉल किया और इस ‘फर्जी ऑफिसर’ का मंसूबा नाकाम कर दिया।

नंबर 4: नकली क्राइम ब्रांच की धमकी

अनिता निवासी बैंक नोट प्रेस को एक कॉल आया। “मैं क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं। तुम्हारे खिलाफ सायबर क्राइम में आवेदन प्राप्त हुआ है। बचना है तो 1 लाख रुपए दो, वरना एफआईआर हो जाएगी।
अनिता ने समझदारी दिखाते हुए 1930 पर सूचना दी। पुलिस ने समझाया कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई प्रक्रिया कानून में है ही नहीं।

देवास पुलिस का संदेश-
देवास पुलिस की सतर्कता और सायबर सेल की तत्परता ने कई लोगों को बड़ी ठगी से बचा लिया। पुलिस का कहना है, कोई भी संदिग्ध कॉल, धमकी या लिंक मिले, तो तुरंत 1930 पर रिपोर्ट करें।

क्या आपने ध्यान दिया-
ठगों के ये सारे पैंतरे झूठे वादों और डराने-धमकाने पर आधारित होते हैं। थोड़ा जागरूक रहें, सतर्क रहें और किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करें। ठगी रोकने का पहला कदम आपकी सतर्कता है।

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