आरडीएसएस के तहत लगे केपिसिटर बैंकों से किसानों को मिल रही पर्याप्त वॉल्टेज के साथ बिजली

Posted by

Share

indore news

– मोटर खराबी की शिकायतों में कमी, ग्रिड की सेहत में भी सुधार

– अब तक मालवा निमाड़ में ग्रिडों पर लग चुके 523 केपिसिटर बैंक

इंदौर। इंदौर जिले के किसान कैलाश हो या खंडवा जिले के मांगीलाल, उज्जैन जिले के इस्माइल भाई हो या फिर देवास जिले की गीताबाई सभी इस बात से खुश हैं कि उन्हें मोटरों से सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिल रही है। वोल्टेज भी पिछले वर्ष की तुलना में गुणवत्ता के साथ मिल रहा है, क्योंकि उन्हें बिजली देने वाले ग्रिड पर रिवेम्प्ड ड़िस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS)के अंतर्गत केपिसिटर बैंक जो लगा है।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि आरडीएसएस के तहत कंपनी क्षेत्र में 33/11 केवी ग्रिडों पर केपिसिटर बैंक लगाए गए हैं। योजना के तहत 65 करोड़ की लागत के 523 केपिसिटर बैंक स्थापित किए जा चुके हैं। करीब 200 केपिसिटर बैंक और लगाने की कार्रवाई चलन में है।

उन्होंने बताया कि प्रमुख रूप से रबी सीजन को ध्यान में रखते हुए सिंचाई फीडरों से संबंद्ध ग्रिडों पर लगाए गए इन केपिसिटर बैंकों से बिजली आपूर्ति पहले की तुलना में ज्यादा गुणवत्ता के साथ हो रही है। इस महत्वपूर्ण योजना से किसानों के साथ ही बिजली कंपनी को भी अपने संसाधनों को बेहतर रखने की दिशा में सफलता मिली हैं।

उन्होंने बताया केपिसिटर बैंकों के कारण कृषि फीडरों पर सिंचाई के लिए मोटरें चलने पर पर्याप्त वोल्टेज मिलने से रिएक्टिव लोड लाइनों, ट्रांसफार्मरों और ग्रिडों तक पहुंचने की स्थिति नहीं बन पा रही हैं। ऐसे में एक ओर किसानों की मोटरें ठीक से चल रही है, पर्याप्त पानी सीमित अवधि के दौरान सिंचाई कार्य के लिए मिल रहा हैं। वहीं दूसरी ओर वोल्टेज पर्याप्त मिलने पर यूनिट खपत भी सीमित मात्रा में दर्ज हो रही हैं।

प्रबंध निदेशक सुश्री सिंह ने बताया कि इन केपिसिटर बैंकों की स्थापना से कंपनी की सकल और वाणिज्यिक हानि भी कम करने में सफलता मिलेगी। वहीं किसानों को पर्याप्त वोल्टेज मिलने से मोटरों में खराबी नहीं आएगी, उन्हें कम समय में पर्याप्त पानी मिलेगा, इससे किसानों का बिजली कंपनी, ऊर्जा विभाग को लेकर उपभोक्ता संतुष्टि का स्तर और बढ़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *