नगर के शासकीय व अर्द्ध शासकीय संस्थानों में धूमधाम से मनाया स्वतंत्रता दिवस

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नगर के प्रमुख मार्गो से स्कूली बच्चों ने निकाली प्रभात फेरी

मणिगिरी पर्वत पर ध्वजारोहण कर अनाम अमर शहीदों को किया नमन

नेमावर (संतोष शर्मा)। राष्ट्रीय पर्व नगर में हर्ष उल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर नगर के शासकीय व प्रायवेट विद्यालयों के बच्चो ने प्रमुख मार्गो से प्रभात फेरी निकाली। पश्चात अपने-अपने विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। जिसमें विद्यालयों के बच्चो ने उत्साह से हिस्सा लिया। बच्चो ने कविता पाठ, भाषण, चुटकुले आदि सुनाए।

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नगर परिषद में नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल, सीएम राइज हायर सेकेंडरी में प्राचार्य राजेंद्र हथेल, सरस्वती शिशु मंदिर में संचालक मंडल सदस्य पंडित संतोष शर्मा, नगर के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर थाना प्रभारी सुरेखा निमोद, दिलीप सरय्या, चित्रांश पब्लिक स्कूल में संस्था प्रभारी श्री राजपूत, थाना परिसर में थाना प्रभारी सुरेखा निमोदा ने ध्वजारोहण कर स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।

नगर परिषद में नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल ने नगर परिषद द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस के आयोजन में उपस्थित नगर के गणमान्य नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी तथा प्रसादी का वितरण किया।

मणिगिरी पर्वत का इतिहास-
1857 की क्रांति में इस क्षेत्र के 5 क्रांतिकारियो ने सबसे पहले क्रांति का बिगुल फूका। इसके अंतर्गत नेमावर पहुंच कर उन्होंने क्रांति का अलख जगाया तथा इस समग्र क्रांति के लिए जन भागीदारी के लिए आमजन को प्रेरित किया, परंतु अंग्रेजो को इसकी भनक लग गई तो उन्होंने इन अनाम 5 वीरों को गिरफ्तार कर मणिगीर पहाड़ी पर एक वट वृक्ष पर फांसी पर लटका दिया। क्षेत्र में अंग्रेजो की इस दहशतभरी कार्यवाही को दिखाने के लिए ग्रामीण अंचलों में डोंडी पीटकर कहा गया कि अगर जो लोग अंग्रेज सरकार के विरुद्ध जायेगा उसे इसी तरह फांसी पर लटका दिया जायेगा। इन अनाम शहीदों के शव करीब 5 दिनों तक वही वट वृक्ष पर हो लटकाए रखे ताकि आमजन में दहशत बन जाए। बताया जाता है कि इन 5 क्रांतिकारो में 4 हिंदू तथा एक मेवाती मुस्लिम समाज से था। बुजुर्ग जब देश की आजादी में इस क्षेत्र के योगदान की बात करते है तो इस अलिखित इतिहास सामने आता है।

ये अनाम आज भी देश की नजरो में अनाम है। इन सबके बाद भी ग्रामीणों के अंदर आज भी ये अनाम वीर क्रांतिकारी अमर है। इन क्रांतिकारी शहीदों की स्मृति को आज अमर बनाए रखने के लिए तत्कालीन ग्रामीणों ने एक चिराग रोशन करने के लिए इस मणीगिरी पहाड़ी पर पत्थर लगा रखा है, आज भी लोग उन वीरों को नमन कर चिराग रोशन करते है तथा नगर के राष्ट्र भक्त 15 अगस्त व 26 जनवरी को राष्ट्रध्वज पहराकर उन्हे नमन कर याद करते है तथा गोरांवित होते है कि मेरे भी क्षेत्र का इस समग्र क्रांति में योगदान रहा है जो गर्व का विषय है।

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