शिक्षा

वरिष्ठ शिक्षक सीताराम राठौर को दी भावभीनी विदाई

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सुविधाओं के अभाव में 15 किमी पैदल चलकर भी समय पर पहुंचते थे स्कूल, शिक्षक धर्म का सादगी से किया पालन

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। माध्यमिक विद्यालय बेहरी एवं कामठखेड़ा में वरिष्ठ शिक्षक सीताराम राठौर के सम्मान में विदाई समारोह आयोजित किया गया।

40 वर्षों तक शैक्षणिक क्षेत्र में निष्ठा, कर्तव्यपरायणता और अनुशासन का उदाहरण प्रस्तुत करने वाले राठौर सर के योगदान को स्मरण करते हुए विद्यालय परिवार और सहकर्मी शिक्षकों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राठौर सर ने कहा शिक्षक केवल नौकरी करने वाला नहीं, बल्कि समाज का दीपस्तंभ होता है। जब मैंने सन 1986 में प्राथमिक विद्यालय पलासी से शिक्षक जीवन की शुरुआत की थी, तब साधन-सुविधाओं का अभाव था, लेकिन मेरे भीतर यह दृढ़ संकल्प था कि शिक्षक की गरिमा और अनुशासन से कभी समझौता नहीं करूंगा। शिक्षक का व्यक्तित्व ही बच्चों के भविष्य को दिशा देता है। इसलिए सदैव सत्य, सरलता और सदाचार से जीवन जीना ही मेरी प्राथमिकता रही। मैं मानता हूं कि एक शिक्षक वही है, जो श्रेष्ठ समाज के निर्माण में अपनी भूमिका को सार्थक कर सके।

वरिष्ठ शिक्षक इंदर सिंह अमडावदिया ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि राठौर सर ने सदैव विद्यालय परिवार को एक सूत्र में बांधकर रखा।

संकुल समन्वयक वारिस अली ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से वंयजनप्रिय, सहज और सरल स्वभाव के धनी हैं। उनका अनुशासन और निष्कलंक कार्यकाल आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है।

हाईस्कूल प्राचार्य लोकेन्द्र सिंह परिहार ने कहा कि नियुक्ति के शुरुआती दिनों में साधनों का अभाव होने के बावजूद वे प्रतिदिन 15 किलोमीटर पैदल चलकर समय पर विद्यालय पहुंचते थे। यह उनकी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी को दर्शाता है।

शिक्षक दौलत सावनेर ने बताया कि राठौर सर ने सदैव गरीब एवं अभावग्रस्त बच्चों को निज व्यय से पढ़ाई की सामग्री उपलब्ध कराई। पर्व-त्योहारों पर वे स्वहस्त निर्मित मिठाइयां और व्यंजन बच्चों को खिलाते और परिवार जैसा अपनापन देते थे।

भगवान सिंह पिंडोरिया ने उनके जनशिक्षक के रूप में 15 वर्षों के सेवाकाल को याद करते हुए कहा कि समयबद्धता और हर कार्य को पूर्ण निष्ठा से करना उनकी विशेषता रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य परसराम पिंडोरिया ने की।

इस अवसर पर संगीता सावनेर, गुलाब वास्केल, राजेंद्र टोन्डर, लालचंद धौसरिया, दुलेसिंह निनामा, ललिता पाटीदार, मंजू वास्केल, देवकरण चौहान, आदित्य सर, सहायक अधीक्षिका अनिता शुक्ला सहित अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

समारोह के दौरान प्रेमनारायण पाटीदार और महेश कुर्रा ने पुष्पगुच्छ, साल और श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया। वारिस अली ने अभिनंदन पत्र अर्पित किया, वहीं संस्था परिवार की ओर से उन्हें भगवान रामलला का चित्र स्मृति स्वरूप प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजेश तंवर ने किया तथा आभार प्रदर्शन गुलाब सिंह वास्केल ने किया।

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