धर्म-अध्यात्म

परमात्मा जीव मात्र के निस्वार्थ मित्र हैं- पं. देवकीनंदन ठाकुर

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देवास। संसार में ईश्वर को छोडक़र ऐसा कोई नहीं है जो अपना सर्वस्व किसी को दे दें। यदि मांगना है तो मेरे ठाकुर से मांगो, उसे मित्र बनाओ, वह हर जीव का मित्र है। भगवान का भक्त बनाना सरल किंतु उनकी मित्रता मिल जाए यह तभी संभव है जब स्वयं निस्वार्थ बनो। शारीरिक मिलन तुच्छ है, मन का मिलन दिव्य है। यदि धनी व्यक्ति दरिद्रों को सम्मान दे तो आज भी सभी नगर द्वारका और सारे देशों में रामराज्य स्थापित हो सकता है। आपको धन की प्राप्ति हुई है तो वह आपके भोग विलास के लिए नही है। अगर इस युग में अपने दरिद्र मित्र की सहायता नहीं की तो अगले जन्म में आपका दरिद्र होना सुनिश्चित है। निस्वार्थ भक्ति और मित्रता करने वाला ईश्वर से प्रेम करता है। ऐसे प्रेमी और मित्र को बिना मांग सब कुछ देने वाला परमात्मा ही निस्वार्थ मित्र है। मित्र बनना तो सुदामा की तरह भगवान को मित्र बनाओ। यह विचार कैलादेवी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय अध्यात्मिक प्रवक्ता देवकीनंदन जी ठाकुर ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि जो धर्म के साथ चलता है उसे इतिहास सदा अपने साथ रखता है। हजारों लाखों वर्ष के इतिहास में वर्णित जिन की गाथा गाते हैं। आज हमारा धर्म उन्हीं के कारण जिंदा है। आप धर्म से अलग हटकर काम करोगे तो अधर्मी कह लाओगे। अधर्मी को कोई याद नहीं रखता इतिहास की क्या कहें उसे तो अपने भी भूल जाते है। अपने ही धर्म का मजाक उड़ाने वालों से निवेदन है की अपने धर्म को जानने की कोशिश करें। हमारा धर्म संसार के सब धर्म से ऊंचा है। हम सनातन थे, सनातन रहेंगे। हम प्रकृति की पूजा करते है, क्योंकि प्रकृति में देवता है। जिनके कारण हमारा कल्याण होता है वही हमारा धर्म है। कथा के अंत में ठाकुर जी ने देवास की धर्म प्रेमी जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जहां मन्नुलाल जी गर्ग और उनके पुत्र दीपक गर्ग जैसे धर्म परायण व्यक्ति है। वहां बहने वाली धर्म गंगा का लाभ आप जैसे भगवत प्रेमी को मिलता रहेगा। कथा की पूर्णाहुति पर श्रीमद् भागवत कथा की विदाई के अवसर पर श्रोतागण भाव विभोर हो गए। आरती में इंदौर विधायक रमेश मेंदोला, सांसद महेंद्र सोलंकी, विभाग प्रचारक दिनेश तेजरा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, पूर्व अध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार, भजन गायक द्वारका मंत्री, विजय सिंह चौहान, संस्कृति पगारे, राधेश्याम सोनी, पार्षद संजय दायमा, प्रतीक सोलंकी, करणी सेना के पदाधिकारी, खाटू श्याम सेवा समिति आदि के सदस्य उपस्थित थे। समिति संयोजक रायसिंह सेंधव, कथा अध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल, रेखा वर्मा, देवकृष्ण व्यास, अजब सिंह ठाकुर, रमन शर्मा, चंद्रपाल सिंह छोटू, राजेश यादव, मोहन श्रीवास्तव ने ठाकुरजी का सम्मान किया। संचालन चेतन उपाध्याय ने किया। आभार कथा समिति अध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल ने माना।

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