राजनीति

वोटो की राजनीति के चलते कर्ज के दलदल में फंसी प्रदेश सरकार- कांग्रेस

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देवास। भारतीय जनता पार्टी ने मिशन बना लिया है कि कर्ज लो और घी पीयो, जैसे भी हो प्रदेश की माता-बहनों को, जनता को आर्थिक प्रलोभन दो और अपनी सरकार बना लो। इसी पैटर्न पर पार्टी ने महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली सहित अनेक प्रदेशों में अपनी सरकार बना ली। सरकार तो बन गई लेकिन आज सरकारों पर लाखों-करोड़ों रुपए का कर्ज़ चढ़ चुका है।

यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता सुधीर शर्मा ने बताया कि प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की सरकार ने एक बार फिर 3000 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह कर्ज बढ़कर अब प्रदेश सरकार पर 49,600 करोड़ रुपए पहुंच चुका है। इसी तरह से कर्ज लेने का सिलसिला चलता रहा तो सरकार पूरी तरह कर्ज में डूब जाएगी और इस कर्ज का भुगतान प्रदेश की 7 करोड़ जनता को बढ़े हुए टैक्स के रूप में करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार लगातार प्रदेश के लोगों पर छद्म रूप से कर लगाती जा रही है। हाल ही में निर्णय लिया है कि नगर निगम, नगर पंचायत में भी कर की सीमा को बढ़ाया जाएगा। जबकि प्रदेश सरकार अपने खर्चों में कोई कमी नहीं कर रही है।

कांग्रेस मांग करती है कि बार-बार कर्ज लेने का निर्णय उचित नहीं है, इससे अच्छा है कि सरकार मितव्ययता का रास्ता अपनाएं एवं प्रदेश के लोगों पर कर्ज का भार नहीं बढ़ाए। ऐसे प्रयास किए जाए कि बार-बार सरकार को कर्ज नहीं लेना पड़े।

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