साहित्य

दीवाली पर खास काम हो रहा है… ऑनलाइन बधाई संदेश भेजना आम हो रहा है…

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आज की पंक्तियां ✨🌟

गए वो दिन, जब गले मिलकर दी जाती थी शुभकामनाएं,
अब बस मोबाइल की स्क्रीन पर दिखती हैं मुस्कानें।
मेक इन इंडिया का नारा सबकी जुबां पर है,
पर ऑनलाइन शॉपिंग ने हर दिल में ठिकाना कर लिया है।

अब गुंजिया भी “वर्चुअल” हो विदेशों तक जा रही है,
पड़ोस में बैठे अपने तक रिश्तों की मिठास न आ रही है।
याद करो वो दिन, जब घर-घर में खुशबू फैलती थी,
मां, चाची, भाभी, दीदी की थाली में मिठास खिलती थी।

अब सब बदल गया…
घरेलू पकवान डिब्बाबंद मिष्ठान में ढल गया,
मुस्कुराहटें भी मॉल्स और बिग बाजार में मिल गईं,
हाट-बाजार की रौनक कहीं भीड़ में गुम सी हो गईं।

दीवाली पर खास काम हो रहा है…
ऑनलाइन बधाई संदेश भेजना आम हो रहा है…

देश का हर चौकीदार भी कह रहा है बार-बार —
“स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ” हर बार।
पर अफसोस! विदेशी चमक अब भी मन भा रही है,
देसी चीजों की पहचान खोती जा रही है।

दादाजी बोले –
“बेटा, देसी जूट, कॉटन सब महंगा हो गया,
अब तो चीन, जापान, अमेरिका से त्यौहार सज गया!”
हम भी जींस पहन इतराते हैं,
देशभक्ति बस पोस्टों में जताते हैं।

दीवाली पर खास काम हो रहा है…
ऑनलाइन बधाई संदेश भेजना आम हो रहा है…

अब वक्त है खुद को जगाने का,
देसी बाजार फिर सजाने का,
विदेशी चमक से बाहर आने का,
और अपने भारत को निखारने का।

आओ मिलकर करें प्रण यह प्यारा —
“इस दिवाली देश से करें सच्चा प्यार,
स्वदेशी दीपों से रोशन हो हर द्वार।”

💫 शुभ दीपावली! 💫
🪔 इस दीपावली एक भी रुपया विदेशी वस्तुओं पर व्यर्थ न करें।

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