समाज उत्थान के लिए कंस प्रवृत्तियों का उन्मूलन जरूरी- स्वामी रामनारायण जी

देवास। समाज उत्थान के लिए कंस प्रवृत्तियों का उन्मूलन जरूरी है। हर युग में ऐसी प्रवृत्तियां जन्म लेती है, लेकिन ईश्वर के अवतार के द्वारा उनका उन्मूलन कर दिया जाता है और धर्म की स्थापना की जाती है।
यह विचार रामद्वारा में चातुर्मास सत्संग के अंतर्गत भागवत कथा में स्वामी रामनारायण जी ने प्रकट किए। उन्होंने राजा परीक्षित एवं शुकदेव मुनि के बीच संवाद का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में धर्म का पालन नहीं छोड़ना चाहिए तटस्थ रहना चाहिए।
सुबह स्वामी रामचरण जी महाराज की वाणी का पाठ संत राम सुमिरन जी एवं बाल संत पुनीत राम जी ने किया। रविवार को भागवत कथा की पूर्णाहुति होगी और रात्रि को जागरण होगा। शनिवार को अनंत चतुर्दशी पर्व की कथा भी सुनाई गई। अनंत भगवान के धागे अभिमंत्रित करके भक्तों को भेंट किए गए। कथा का समय दोपहर 1 से 5 बजे तक रखा गया है।



