– भारतीय किसान संघ ने सांसद को सौंपा ज्ञापन
देवास। जीएम फसलों का प्रवेश भारत में ना हो यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इन मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी को ज्ञापन सौंपा।
देशभर में जीएम फसलों के प्रयोग विदेशी कंपनियों द्वारा पिछले दरवाजे के माध्यम से किया जा रहा है। सरकार इन जीएम फसलों को प्रयोग की अनुमति न दे। भारतीय किसान संघ इसका घोर विरोध करता है। भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी ने जीएम सरसो बीज की अनुमति देने पर घोर विरोध किया है।
संगठन ने देशभर के सांसदों, राज्यसभा सांसदों को अपने-अपने क्षेत्र में ज्ञापन के माध्यम से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया है, कि जीएम फसलों की भारत में अनुमति नहीं दी जाए, क्योंकि पहले भी वर्ष 2002 में कॉटन बीज की अनुमति दी थी, वह प्रयोग सफल नहीं हुआ। इसके बाद 2005 और 2009 में भी इसे दोहराया गया। अब पिछले दरवाजा के माध्यम से सरसो बीज पर अनुमति देने की तैयारी चल रही है। बगैर संसद में बहस किए वैज्ञानिकों की राय, किसान संगठनों की सहमति के बगैर इन बीजों की अनुमति देना भारत की जनता एवं किसानों के हित में नहीं है।
भारतीय किसान संघ ने देवास-शाजापुर सांसद श्री सोलंकी को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि इस मुद्दे को आप संसद के पटल पर रखें क्योंकि यह गम्भीर मामला है। भारत की भूमि के अनुकूल भी नहीं है।
इस अवसर पर संभागीय सह मंत्री बहादुरसिंह राजपूत, जिला अध्यक्ष हुकम पटेल, जिला कार्यालय मंत्री आनंद मेहता, अजबसिंह चावड़ा जिला उपाध्यक्ष नारायण मंडलोई, जिला सह मंत्री चंपालाल मुकाती, माखन नाहर, हुकम सेंधव, सोनकच्छ तहसील अध्यक्ष कालूसिंह राजपूत, देवास तहसील अध्यक्ष मूलचंद पाटीदार, रामनारायण यादव, राधेश्याम पाटीदार उपस्थित थे।
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