भगवान श्री हरि के नाम प्रभाव से क्षणभर में नष्ट हो जाते हैं पाप- पं. विद्याधर वैष्णव
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। भोमियाजी हनुमान मंदिर में देवउठानी एकादशी के अवसर पर नंदकिशोर मंडलोई की यजमानी में अभिषेक संपन्न हुआ। अभिषेक करवाने वाले पं. विद्याधर वैष्णव व अंतिम उपाध्याय ने 11 बटुक ब्राह्मणों के द्वारा अभिषेक संपन्न कराया।
मंदिर के पुजारी पं. वैष्णव ने बताया कि मंगलवार के दिन देवउठनी एकादशी का संयोग बना। इस दिन देव योग निद्रा से जागते हैं और फिर सभी शुभ काम शुरू हो जाते हैं। सनातन धर्म में इसे देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली देवउठनी एकादशी देवी लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है। उनके प्रभाव से बड़े से बड़े पाप भी क्षण भर में नष्ट हो जाते हैं। शुभ कार्यों पर लगी रोक खत्म हो जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर अभिषेक करना बड़ा फलदायी है। 4 माह तक देवताओं के शयन का समय रहा, अब देवता उठ गए हैं। अब सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
इस अवसर पर पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष महेंद्र तंवर, गोविंद गुप्ता, एडवोकेट मयंक गुप्ता, अनुराग गुप्ता, मंडल उपाध्यक्ष गोविंद यादव, पूर्व सरपंच रामचंद्र दांगी, हरिनारायण पाटीदार, तुलसीराम विश्वकर्मा, देवकरण यादव, अभिषेक, कमल, वैभव, नीलेश, महिला मंडल की प्रमिला तंवर, मधुबाला गुप्ता, पुष्पा गुप्ता, साक्षी गुप्ता, संगीता गोस्वामी, शर्मिला तंवर सहित महिला मंडल की अन्य सदस्य उपस्थित रही। इस अवसर पर यजमान श्री मंडलोई ने बताया कि आज मेरे जन्मदिन के अवसर पर भगवान के दर्शन कर जन्मदिन मंदिर में मनाना सौभाग्य की बात है। क्षेत्र में शांति सद्भाव बना रहे ऐसी कामना को लेकर यह अभिषेक संपन्न करवाया। 3 घंटे चले अनवरत अभिषेक में पांच नदियों का पवित्र जल सहित दूध, दही, शहद, गोघृत, तुलसी पत्र शामिल रहे। इसके बाद काम्या सिंदूर से भगवान का श्रृंगार किया गया। मंदिर परिसर में महिलाओं भजन गाए।
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