धर्म-अध्यात्म

राष्ट्र को सुरक्षित रखने के लिए जन सामान्य को करना होगा ब्रह्मास्त्र साधना अनुष्ठान- गायत्री परिवार

– 10 माला गायत्री महामंत्र, 1 माला महामृत्युंजय मंत्र रोज जपना होगा देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर में नवरात्रि पर्व पर सामूहिक गायत्री महामंत्र का नौ दिवसीय अनुष्ठान का क्रम अनवरत रूप से चलाया जाता है। इसमें गायत्री साधक बड़ी संख्या में प्रात: 3.30 बजे ब्रह्ममूर्त में सामूहिक गायत्री महामंत्र का जाप प्राणिमात्र के कल्याण के लिए करते हैं। इसकी पूर्णाहुति महानवमी पर हुई।
गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया, कि प्रात: 9 बजे वेदमाता गायत्री, गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वन्दनीया माता भगवतीदेवी शर्मा एवं देवोआव्हन व पूजन के साथ पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत हुई जिसमें यज्ञोपवीत, दीक्षा, विद्यारम्भ सहित विभिन्न संस्कार नि:शुल्क सम्पन्न हुए।
आयोजन में सामूहिक चर्चा के दौरान युवा प्रकोष्ठ जिला समन्वयक प्रमोद निहाले ने शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा निर्देशित ब्रह्मास्त्र साधना अनुष्ठान को विस्तार से बताते हुए कहा, कि समूची मानवता को बचाने के लिए आज हर जन सामान्य को ब्रह्मास्त्र साधना अनुष्ठान से जुड़ना होगा और अन्य को जोड़ना भी होगा। ब्रह्मास्त्र साधना अनुष्ठान के अंतर्गत हर जन सामान्य को 10 माला गायत्री महामंत्र की, 1 माला महामृत्युंजय मंत्र की और समाज निर्माण में प्रतिदिन 1 घंटा समयदान एवं प्रतिदिन 1 रुपए अंशदान देना होगा। ये राशि युग तीर्थ शांतिकुंज को राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित करनी होगी। वैज्ञानिक लोग भी सिद्ध कर चुके हैं, कि सामूहिक गायत्री महामंत्र जहां जपा जाता है तो उस स्थान पर बड़े से बड़े परमाणु बम का प्रभाव भी निष्क्रिय हो जाता है। सामूहिक साधना घर-घर जब होगी तो पूरी मानवता सुरक्षित होगी इसलिए ब्रह्मास्त्र साधना अनुष्ठान साधक अधिक से अधिक बनाने की अपील शांतिकुंज, हरिद्वार एवं गायत्री परिवार शाखा देवास कर रहा है। आयोजन में दिलीपसिंह सोलंकी, भारतसिंह बनाफर, गणेशचन्द्र व्यास, विक्रमसिंह राजपूत, सरिता पाटीदार, चारुप्रभा बाबर, केशव पटेल, रमेश नागर, गीता जोशी, गजपालसिंह सोलंकी, घासीराम पेंटर, शिवनारायण सोलंकी सहित सैकड़ों गायत्री साधकों ने आहुति प्रदान की। कार्यक्रम के अंत में कन्याभोज के साथ सभी उपस्थित परिजनों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। कर्मकांड का संचालन परिव्राजक रामनिवास कुशवाह एवं शक्तिपीठ की संगीत टोली ने किया। आभार मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी महेश पंडया ने माना।


इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर भी शारदीय नवरात्रि की पूर्णाहुति प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ सम्पन्न हुई। इस अवसर पर दुर्गा दीदी ने आज की विषम परिस्थितियों में स्वयं, परिवार, समाज एवं राष्ट्र कल्याण हेतु ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान करने का आह्वान करते हुए दशहरे पर व्यसन रूपी रावण के दहन का संकल्प लेने की बात भी कही। इस अवसर पर रमेश पालीवाल, शेष नारायण परमार, स्नेहलता पोरवाल, सुभाष घोटे, विजेन्द्रसिंह बैस, अरुणेंद्र सोनी, ओपी श्रीवास्तव, ब्रजमोहन विजयवर्गीय, वन्दना पाटीदार, राकेश खिंची, नीति श्रीवास्तव, राधा राठौर, प्रहलाद क्षोत्रिय, सुशीला परमार, आदित्य यादव सहित प्रज्ञापीठ के समस्त ट्रस्टीगण एवं परिजन उपस्थित थे। कर्मकाण्ड का संचालन महेश आचार्य एवं प्रखर पोरवाल ने किया तथा सुमधुर गीतों की प्रस्तुति ज्ञानदेव बोडखे एवं नितिन बोडखे ने दी। आभार मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने माना।

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