देवास। जिले की कृषि उपज मंडी में शुक्रवार से भावान्तर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन पहले ही दिन किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी समस्या सत्यापन प्रक्रिया को लेकर रही।
कई किसान सुबह से मंडी पहुंचे, पर पटवारी द्वारा सत्यापन न होने के कारण उन्हें पर्ची नहीं मिल पाई। किसान नेता ने शुद्ध पेयजल व्यवस्था न होने की शिकायत की। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश किसानों का सत्यापन पूरा हो चुका है और जिनका नहीं हुआ है, उनका मौके पर ही सत्यापन करवाया जा रहा है।
ग्राम उपड़ी से आए किसान अरविंद गुर्जर ने बताया कि वह मंडी में सोयाबीन लेकर पहुंचे थे, लेकिन पर्ची बनाने वाले ने कहा कि उनका सत्यापन नहीं हुआ है, इसलिए पर्ची नहीं बनेगी। अरविंद ने कहा, “मैं पटवारी से बात कर रहा हूं तो वो कह रहे हैं कि माल लेकर गांव आओ, फिर सत्यापन करेंगे। अब अगर मैं ट्रॉली लेकर गांव जाऊं तो आने-जाने का भाड़ा कौन देगा? यहां बेचने पर आरटीजीएस से पेमेंट मिलेगा, जबकि जरूरत अभी है।”
सुमराखेड़ी से 12 क्विंटल सोयाबीन लेकर आए किसान मनीष सिसौदिया ने कहा, “हमारा भी सत्यापन नहीं हुआ। पटवारी को फोन लगाया तो उनका फोन बंद है। अब बिना पंजीयन के ही माल बेचना पड़ सकता है।”
बिरगोद से आए किसान सत्यनारायण राठौर ने भी कहा कि सत्यापन न होने से पर्ची नहीं बन पा रही। “भाड़ा खर्च कर मंडी आए हैं, अब बिना पंजीयन के ही माल बेचना पड़ेगा।
किसान नेता ने अव्यवस्था पर जताई नाराज़गी-
किसान नेता राजेंद्रसिंह बैस ने मंडी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, किसानों के लिए न तो साफ पेयजल की व्यवस्था है और न ही धूप से बचने के लिए टैंट लगाया गया है। व्यवस्था सुधारनी चाहिए।

कृषि विभाग: 95 प्रतिशत सत्यापन हो चुका है-
कृषि उप संचालक गोपेश पाठक ने बताया, “अब तक लगभग 95 प्रतिशत किसानों का सत्यापन हो चुका है। जिन किसानों ने भावान्तर योजना में पंजीयन कराया है, उन्हें योजना का लाभ मिलेगा। जो किसान मंडी में सोयाबीन लेकर पहुंचे हैं और जिनका सत्यापन नहीं हुआ है, उनका हाथोंहाथ सत्यापन करवाने की व्यवस्था की जा रही है।”
तत्काल करवा रहे हैं सत्यापन-
मंडी सचिव अरविंद परिहार का कहना है, “हमारे यहां शाजापुर जिले के किसान भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। वहां जिनका सत्यापन नहीं हुआ है, उनका तत्काल सत्यापन करवाने की प्रक्रिया भी हम करवा रहे हैं। रहा सवाल मंडी में व्यवस्था का, तो जहां पर्ची बनाई जा रही है, वहां पहले से शेड लगे हुए हैं और छांव की व्यवस्था है। साथ ही मंडी में पेयजल की व्यवस्था भी स्थायी रूप से की गई है। किसानों को सुविधा देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।”
प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया जायजा-
कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को एडीएम आनंद मालवीय और तहसीलदार भी पहुंचे। उन्होंने मंडी परिसर में किसानों से चर्चा की और खरीदी प्रक्रिया का निरीक्षण किया। गेट पर पंजीयन और अन्य प्रक्रिया की जानकारी भी ली।





