कृषि मंडी में ढोल-ढमाके के साथ मुहूर्त के सौदों से शुरू हुआ नया व्यापार वर्ष

– सोयाबीन 5561 रु में बिका, किसानों को मिला बेहतर भाव
देवास। दीपावली पर्व के अवकाश के बाद शुक्रवार को देवास कृषि उपज मंडी में परंपरा अनुसार मुहूर्त के सौदे हुए। इस शुभ मुहूर्त पर मंडी प्रांगण में मां अन्नपूर्णा देवी की विधिवत पूजा-अर्चना कर नए व्यापार वर्ष की शुरुआत की गई। पूजा के पश्चात ढोल-ढमाकों, आतिशबाजी और उल्लासपूर्ण वातावरण में सौदों का श्रीगणेश हुआ।
इस अवसर पर किसानों, व्यापारियों और मंडी कर्मचारियों ने एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए समृद्धि और अच्छे व्यापारिक वर्ष की कामना की।
सोयाबीन की पहली बोली 5561 रुपए प्रति क्विंटल पर लगी-
मुहूर्त सौदों के दौरान सबसे पहले ‘पीले सोने’ कही जाने वाली सोयाबीन की खरीदी हुई।
खजूरियाजागीर निवासी किसान तेजूसिंह की सोयाबीन उपज की बोली लगाई गई, जिसे हीरा इंटरनेशनल लिमिटेड फर्म के शरद अग्रवाल ने सर्वाधिक 5561 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर खरीदकर सौदे की शुरुआत की। किसान तेजूसिंह का पुष्पमाला पहनाकर सम्मान किया गया, जिससे मंडी प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
गेहूं 3201 रु. और चना 7011 रु. प्रति क्विंटल के मुहूर्त भाव पर बिके-
मुहूर्त के अवसर पर गेहूं की पहली बोली भी हीरा इंटरनेशनल फर्म द्वारा 3201 रुपए प्रति क्विंटल पर लगाई गई। वहीं, कुमावत ट्रेडर्स ने चने की खरीदी 7011 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर की।
हीरा इंटरनेशनल फर्म के शरद अग्रवाल का कहना है, कि दीपावली के बाद होने वाले मुहूर्त सौदे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक होते हैं। इस दिन की गई खरीदी को पूरे वर्ष के लिए शुभ माना जाता है। भाव अधिक मिलने से किसानों में उत्साह है। सरकार और व्यापारी वर्ग किसानों के साथ है।
किसानों को मिले बेहतर दाम, व्यापारियों में उत्साह-
मंडी व्यापारी संजय शर्मा ने बताया, कि परंपरानुसार हर वर्ष दीपावली के बाद मुहूर्त के सौदे किए जाते हैं। इस दौरान किसानों को आम दिनों की तुलना में अपनी उपज का बेहतर भाव प्राप्त होता है। इस परंपरा से न केवल व्यापारिक लेन-देन की शुरुआत होती है, बल्कि किसान-व्यापारी संबंधों में भी नई ऊर्जा और विश्वास का संचार होता है।

मंडी में उत्सव जैसा माहौल-
पूरे मंडी परिसर में शुक्रवार को उत्सव जैसा माहौल रहा। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को फूलों से सजाया। कई स्थानों पर मिठाई वितरण कर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गईं। आतिशबाजी की गई।
मंडी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय पोरवाल का कहना है, कि कृषि मंडी में मुहूर्त के सौदे किसानों के लिए न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह भारतीय कृषि संस्कृति की समृद्ध परंपरा को भी जीवंत बनाए रखते हैं।
एसडीएम व भारसाधक अधिकारी आनन्द मालवीय, मंडी सचिव अरविंद परिहार, सहायक उप निरीक्षक शिवानन्द दुबे, गजराज सिंह ठाकुर, प्रांगण प्रभारी महेंद्र मांडोरिया, राजेश लश्कन सहित व्यापारी वर्ग की उपस्थिति में मंडी में मुहूर्त के सौदे हुए।



