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Ajit Parse | पारसे : कस्टडी जरूरी तो गिरफ्तार करने क्या किया? पुलिस की कार्यप्रणाली पर HC ने जताई नाराजगी

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पारसे : कस्टडी जरूरी तो गिरफ्तार करने क्या किया? पुलिस की कार्यप्रणाली पर HC ने जताई नाराजगी

नागपुर. होम्योपैथिक कॉलेज और यश ग्लोबल ट्रेड लिंक शुरू करने में सरकार की मंजूरी दिलाने के नाम पर ठगी किए जाने के बाद राजेश मुरकुटे की ओर से कोतवाली पुलिस थाना में 11 अक्टूबर 2022 को अजित पारसे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. धोखाधड़ी को लेकर शिकायत दर्ज किए जाने के बाद भी पुलिस की ओर से अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया. गिरफ्तारी से बचने के लिए पारसे की ओर से हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई.

इस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई. न्यायाधीश अनिल पानसरे ने आदेश में कहा कि यदि याचिकाकर्ता से पूछताछ के लिए कस्टडी की आवश्यकता है तो उसे गिरफ्तार करने के लिए अब तक क्या किया गया. जबकि उसे किसी तरह की न्यायिक सुरक्षा भी नहीं है. अदालत ने तमाम जवाबों के साथ शपथ पत्र दायर करने के आदेश जांच अधिकारी को दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. डी.वी. चौहान और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील संजय डोईफोडे ने पैरवी की.

…तो अब तक चार्जशीट क्यों नहीं?

पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल उठाते हुए अदालत ने आदेश में कहा कि अक्टूबर में एफआईआर दर्ज होने के बाद से अब तक अंतिम रिपोर्ट दायर नहीं की गई है. अंतिम रिपोर्ट क्यों दायर नहीं की गई. इसका भी जवाब देने के आदेश जांच अधिकारी को दिए. यदि पुलिस को पूछताछ के लिए याचिकाकर्ता की कस्टडी नहीं चाहिए हो, तो भी अब तक चार्जशीट दायर क्यों नहीं की गई. इसका जवाब भी देने के आदेश दिए. उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट की ओर से 10 फरवरी को भी आदेश जारी किए थे. इन आदेशों के अनुसार याचिकाकर्ता से पूछताछ करने के बाद तमाम बिंदुओं पर हाई कोर्ट में रिपोर्ट दायर करनी थी जिसके लिए कुछ समय देने का अनुरोध सरकार की ओर से किया गया. अदालत ने समय तो प्रदान किया किंतु उक्त जानकारी के साथ जवाब देने के कड़े आदेश भी दिए. 

जवाब दायर करने अंतिम मौका

अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि पुलिस को अब जवाब दायर करने का अंतिम मौका है. 21 मार्च तक यदि जवाब नहीं दायर किया गया तो अदालत सुनवाई कर आदेश जारी कर देगा. उल्लेखनीय है कि गत समय अदालत ने पारसे का स्वास्थ्य सामान्य हो तो अस्पताल में ही पूछताछ करने तथा इसका वीडियो बनाने के आदेश जांच अधिकारी को दिए थे. जांच अधिकारी की ओर से बताया गया था कि पारसे को प्रश्नों की सूची दी गई थी जिसके जवाब दिए जाने थे. पारसे ने जवाब तो दिए किंतु सभी जवाब अस्पष्ट है. यहां तक कि पारसे जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.



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