Dewas महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

देवास में लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
देवास। भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देशों के तहत लोकायुक्त संगठन ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर उज्जैन लोकायुक्त इकाई ने देवास जिले में ट्रैप कार्रवाई कर महिला एवं बाल विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
उज्जैन लोकायुक्त टीम ने रामप्रवेश तिवारी, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, बागली (जिला देवास) को 5,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए देवास के रेलवे स्टेशन रोड से पकड़ा।
शिकायत की पूरी कहानी-
इस मामले में प्रीतेश तंवर, निवासी बागली, जिला देवास ने 4 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन आनंद यादव को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि वह कार्यालय परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, बागली में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है। साथ ही वह एक ऑनलाइन एवं फोटोकॉपी सेंटर के माध्यम से टाइपिंग और ई-मेल संबंधी कार्य भी करता है, जिससे उसे प्रतिमाह 9,000 रुपए का भुगतान मिलता है।
आरोप है कि परियोजना अधिकारी रामप्रवेश तिवारी ने आवेदक को उसी कार्यालय में कार्य जारी रखने के लिए दो माह के हिसाब से 18,000 रुपए की रिश्वत की मांग की। इस दौरान दूसरा कंप्यूटर ऑपरेटर रखने की बात कहते हुए आरोपी ने पहले 4,000 रुपए रिश्वत के रूप में ले लिए और शेष 5,000 रुपए 10 दिसंबर को देवास रेलवे स्टेशन रोड पर देने के लिए कहा।
रंगे हाथ गिरफ्तारी-
निर्धारित योजना के अनुसार, जैसे ही आरोपी ने 5,000 रुपए रिश्वत के रूप में स्वीकार किए, उज्जैन लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की गई।
गिरफ्तारी के बाद परियोजना अधिकारी रामप्रवेश तिवारी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उसने किसी भी प्रकार की रिश्वत की मांग नहीं की। उसके अनुसार, कंप्यूटर ऑपरेटर देवास में उसके पास आया था और बस स्टैंड छोड़ने को कहा। उसी दौरान आवेदक ने उसकी कार में लिफाफा रख दिया और उसके खिलाफ साजिश रची गई है।
लोकायुक्त टीम की भूमिका-
इस ट्रैप कार्रवाई में डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल, निरीक्षक हीना डावर, आरक्षक उमेश जाटव, सहायक ग्रेड-03 रमेश डावर, आरक्षक शिवकुमार शर्मा, आरक्षक मोहम्मद इसरार, कार्यप्र आरक्षक कन्हैयालाल धनगर, कंप्यूटर टाइपिस्ट अंजली पूरानिया का विशेष सहयोग रहा।



