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ग्राम भाटखेड़ी की साक्षी नागर बनीं अग्निवीर

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कठिन चुनौतियों को मेहनत से पार किया, युवाओं को दिया संदेश

सिरोल्या (अमर चौधरी)। ग्राम भाटखेड़ी की युवा प्रतिभा साक्षी नागर ने कठिन चुनौतियों को पार करते हुए भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में चयन हासिल किया है। सात हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी कर गांव लौटी साक्षी का ग्रामीणों ने ढोल-धमाके के साथ स्वागत किया। दिल्ली में उनकी पहली पोस्टिंग होगी। अपनी सफलता को लेकर साक्षी ने खास बातचीत में तैयारी, चुनौतियों और युवाओं के लिए संदेश साझा किया।

मेहनत और नियमित पढ़ाई से अग्निवीर परीक्षा कठिन नहीं रहती

प्रश्न: अग्निवीर बनने का सफर कैसा रहा?

साक्षी: भारतीय सेना में नौकरी मेरा सपना था। इसे पूरा करने के लिए मैंने पूरी मेहनत की। कोचिंग ली, रोज अभ्यास किया और खुद को अनुशासन में रखा। हर स्टेप चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हिम्मत नहीं हारी।

प्रश्न: लिखित परीक्षा में सफलता कैसे मिली?

साक्षी: इंदौर में लिखित परीक्षा दी। इसमें सामान्य ज्ञान, गणित और अन्य सामान्य सवाल पूछे जाते हैं। मैंने नियमित पढ़ाई की, पुराने प्रश्नपत्र देखे और बेसिक मजबूत किया। लगातार अभ्यास से लिखित परीक्षा आसान हो गई।

प्रश्न: फिजिकल टेस्ट कितना चुनौतीपूर्ण था?

साक्षी: फिजिकल टेस्ट असली परीक्षा होती है। 1600 मीटर दौड़, लंबी कूद और ऊंची कूद इन सभी में दम और अभ्यास चाहिए। मैंने रोज सुबह-शाम अभ्यास किया। इसी अनुशासन ने फिजिकल टेस्ट पास करने में मदद की।

प्रश्न: मेडिकल और ट्रेनिंग का अनुभव कैसा रहा?

साक्षी: मेडिकल टेस्ट बेहद सख्त होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य अच्छा होने के कारण मैं सफल रही। इसके बाद सात हफ्तों की ट्रेनिंग पूरी की। ट्रेनिंग ने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से और मजबूत बना दिया।

प्रश्न: गांव लौटने पर कैसा महसूस हुआ?

साक्षी: जब गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने ढोल-धमाके और जुलूस निकालकर स्वागत किया। परिवार और गांव वालों का प्यार देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

प्रश्न: अग्निवीर बनने की चाहत रखने वाले युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी?

साक्षी: मेरा मानना है कि यह परीक्षा कठिन नहीं है बस निरंतर प्रयास जरूरी है। जो भी सेना में जाना चाहता है, उसे नियमित पढ़ाई और रोजाना शारीरिक अभ्यास को आदत बनाना चाहिए। मेहनत करते रहेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।

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