पर्यटन

खजुराहो: विश्वप्रसिद्ध मूर्तिकला, मंदिर और इतिहास का अद्भुत संगम

Share

 

मध्यप्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित खजुराहो भारत की स्थापत्य कला का ऐसा रत्न है, जिसकी पहचान विश्वभर में इसकी अनोखी, जीवंत और सूक्ष्म नक्काशीदार मूर्तियों के कारण होती है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल यह मंदिर समूह आज भी भारतीय संस्कृति, शिल्प-कला और जीवन-दर्शन की अनूठी कहानी कहता है।

खजुराहो का इतिहास:
खजुराहो के मंदिर 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए थे। इतिहासकारों के अनुसार, इस क्षेत्र में करीब 85 मंदिर थे, जिनमें से आज लगभग 22 मंदिर सुरक्षित हैं। इन मंदिरों का निर्माण मुख्यतः धर्म, कला और जीवन के उत्सव को दर्शाने के उद्देश्य से हुआ।

खास बात यह है कि यहां की मूर्तियां केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि मानव जीवन, प्रेम, संगीत, नृत्य, युद्ध, समाज और प्रकृति के विविध रूपों को भी दर्शाती हैं।

मूर्तिकला की विशेषताएं;

खजुराहो की मूर्तिकला अपनी बारीक नक्काशी और सूक्ष्मता के लिए प्रसिद्ध है। यहां की मूर्तियों में कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:

जीवंत भाव-भंगिमाएं- चेहरे, हाथ-पैर और मुद्रा इतनी स्वाभाविक लगती है मानो पत्थर में जान हो।

नृत्य एवं संगीत की अभिव्यक्ति- कई मूर्तियां शास्त्रीय नृत्य की मुद्राओं और वाद्ययंत्रों को दर्शाती हैं।

आयाम और अनुपात का परिपूर्ण संतुलन- कलाकारों ने पत्थर पर बेहद वैज्ञानिक और सुंदर अनुपातों से आकृतियां उकेरी हैं।

कामा-शिल्प (Erotic Sculptures)- कुछ मूर्तियां मानव जीवन के प्रेम और दांपत्य भाव की प्राकृतिक अभिव्यक्ति प्रस्तुत करती हैं।

इनका उद्देश्य जीवन के हर पक्ष को संतुलित रूप से दिखाना था।

मुख्य मंदिर:

खजुराहो को मुख्य रूप से तीन समूहों में बांटा गया है:

1. पश्चिमी समूह के मंदिर (सबसे प्रसिद्ध)

कंदरिया महादेव मंदिर

लक्ष्मण मंदिर

देवी जगदम्बा मंदिर

विश्वनाथ मंदिर, यह समूह सबसे विशाल और भव्य माना जाता है।

2. पूर्वी समूह के मंदिर

पार्श्वनाथ जैन मंदिर

आदिनाथ मंदिर

घंटाई मंदिर

3. दक्षिणी समूह के मंदिर

दुलदेव मंदिर

चतुर्भुज मंदिर

खजुराहो कैसे पहुँचे? (आवागमन के साधन)

हवाई मार्ग

खजुराहो एयरपोर्ट प्रमुख शहरों से जुड़ा है।

दिल्ली, वाराणसी और अन्य शहरों से उड़ानें मिलती हैं।

रेल मार्ग

सबसे नजदीकी स्टेशन: खजुराहो रेलवे स्टेशन

इसके अलावा महोंबा और झाँसी स्टेशन भी विकल्प हैं।

सड़क मार्ग:

खजुराहो सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

मुख्य शहरों से दूरी

झांसी – 175 किमी
सागर – 170 किमी
महोंबा – 65 किमी
छतरपुर – 45 किमी
खजुराहो एयरपोर्ट – 5 किमी (शहर से)

कहाँ ठहरें? (होटल व रिसॉर्ट)

खजुराहो में हर बजट के अनुसार होटल उपलब्ध हैं।

लक्ज़री होटल:

द लालित टेम्पल व्यू

रमाडा खजुराहो

होटल क्लार्क्स

मिड-रेंज होटल

होटल उडान पैलेस

केनार होटल

जैन होटल

बजट होटल

गेस्ट हाउस एवं होम-स्टे

टूरिस्ट सीजन (अक्टूबर–मार्च) में अग्रिम बुकिंग करना बेहतर रहता है।

खानपान व स्थानीय स्वाद:

खजुराहो में उत्तर भारतीय और बुंदेलखण्डी व्यंजन खूब पसंद किए जाते हैं।

जरूर चखें:

बुंदेली मटन/चिकन

खीरे का रायता

बाफला–बाटी

कचौड़ी–जलेबी

घेवर, मालपुआ

स्ट्रीट फूड:

आलू चाट, चना जोर, छोले-भटूरे। कई होटल मल्टी-कुज़ीन भोजन भी परोसते हैं।

खजुराहो में क्या देखें?

लाइट एंड साउंड शो (शाम को इतिहास का सुंदर प्रस्तुतिकरण)

रानेह फॉल्स- अद्भुत घाटी और झरना (20–25 किमी)

केन घड़ियाल अभयारण्य

म्यूजियम और लोक-संग्रहालय

नृत्य महोत्सव (फरवरी में होने वाला विश्व प्रसिद्ध कार्यक्रम)

खजुराहो क्यों खास है?

खजुराहो केवल मंदिरों का शहर नहीं, बल्कि भारतीय जीवन-दर्शन, कला, संस्कृति और शिल्प की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति है। यहां की मूर्तियां आध्यात्मिकता और सांसारिक जीवन के बीच संतुलन का अद्भुत संदेश देती हैं।

Related Articles

Back to top button