धर्म-अध्यात्म

केवल इस जन्म का ही नहीं जन्म-जन्मांतर के जीवन का प्रबंधन ग्रन्थ है गीता

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– गीता जयंती पर भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सहयोग करने वाले शिक्षक साथियों का किया सम्मान

देवास। गायत्री शक्तिपीठ देवास पर गीता जयंती महोत्सव भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला समन्वयक पं. देवीशंकर तिवारी, गायत्री परिवार जिला समन्वयक हरिराम जिराती एवं वरिष्ठ परिजन अरुण शैव्य के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया।

गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि प्रातः भगवान योगेश्वर श्रीकृष्णजी की पूजा अर्चना कर यज्ञ किया गया । रात्रि 7:30 बजे श्री वेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी एवं माता भगवती देवी शर्मा की सूक्ष्म उपस्थिति में गीता जयंती महोत्सव मनाया गया । वरिष्ठ परिजन सुरेश बाल पांडे ने अतिथियों का मंगल तिलक लगाकर स्वागत किया। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला समन्वयक पं. देवीशंकर तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गीताजी केवल इस जन्म का ही नहीं जन्म-जन्मांतर के जीवन का प्रबंधन ग्रन्थ हैं ।

गायत्री परिवार के वरिष्ठ परिजन अरविन्द शर्मा  ने कहा कि मनुष्य में अर्जुन जेसी सीखने और सब कुछ पाने की जिज्ञासा का होना अनिवार्य है । गायत्री परिवार जिला समन्वयक हरिराम जिराती ने परम पिता परमेश्वर भगवान योगेश्वर श्रीकृष्णजी द्वारा कहे गए अमर वचनों में से गीता के पन्द्रहवें अध्याय का वाचन कर उसका अर्थ समझाया गया । गीता जयंती के अवसर पर भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में विशेष सहयोग प्रदान करने वाले शिक्षक शिक्षिका फूलसिंह नागर, कमलेश मेहता, भारत सिंह राजपूत, देवकरण राठौर, चित्रान्सी गज्जर, कुसुम मर्सकोले, मनीष व्यास, विनोद पांचाल आदि का सम्मान मोतियों की माला व दुपट्टा ओढ़ाकर एवं परम पूज्य गुरुदेव का साहित्य भेंट कर किया गया । साथ ही उपस्थित सभी परिजनों ने संकल्प दोहराया की प्रति वर्ष गायत्री शक्तिपीठ पर गीता जयंती महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा।

इस अवसर पर विश्व गीता प्रतिष्ठान की ओर से उपलब्ध 50 पुस्तकों का वितरण अरुण शैव्य ने उपस्थित सभी परिजनों में किया । इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ की देव कन्याओं ने संगीतमय प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत किए अन्त में शान्ति पाठ किया गया।

कार्यक्रम में गायत्री परिवार के सदस्य केशव पटेल, सुरेन्द्र दुबे, लक्ष्ति दुबे सहित बाल संस्कार शाला के बच्चें  उपस्थित थे । स्वागत भाषण भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला सचिव कांतिलाल पटेल ने दिया । कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ परिजन अरविन्द शर्मा ने एवं आभार प्रदर्शन परिव्राजक रामनिवास कुशवाह ने माना।

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