किसानों ने मास्टर प्लान 2041 पर जताई आपत्ति, ज्ञापन सौंपा

बोले- हमारी जमीन नहीं, शासकीय भूमि से निकले सड़क
देवास। मास्टर प्लान 2041 के विरोध में ग्राम सुनवानी महाकाल के किसानों ने नगर एवं ग्राम निवेश योजना विभाग में ज्ञापन सौंपा।
किसानों का कहना है, कि प्रस्तावित योजना में सड़क निर्माण के लिए उनकी उपजाऊ कृषि भूमि का अधिक उपयोग दिखाया गया है, जबकि शासन के नियमानुसार सड़कों और शासकीय योजनाओं में प्राथमिकता शासकीय भूमि को दी जानी चाहिए।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि पटवारी हल्का नंबर 56 के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र से नगर एवं ग्राम निवेश योजना विभाग द्वारा प्रस्तावित सड़क सुनवानी महाकाल से नागदा तक निकाली जानी है। किसानों का कहना है कि इस मार्ग के लिए पहले से ही पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध है, फिर भी अनावश्यक रूप से उनकी निजी जमीन को शामिल किया जा रहा है।

किसानों ने यह भी मांग की कि मास्टर प्लान 2041 में ग्राम सुनवानी महाकाल की कृषि भूमि को आवासीय भूमि के रूप में आरक्षित किया जाए, ताकि किसानों को भविष्य में अपनी भूमि का समुचित मूल्य मिल सके और वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
किसानों के हित में पुनर्विचार करें-
इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री शेखर पटेल ने कहा कि किसान पहले से ही बढ़ती लागत, सिंचाई संकट और बाजार के अस्थिर दामों से जूझ रहा है। अब यदि उसकी उपजाऊ जमीनें सड़कों के नाम पर छीनी जाएंगी तो यह किसानों के साथ अन्याय होगा।
उन्होंने कहा हम विकास के विरोधी नहीं हैं। प्रशासन को चाहिए कि सड़क मार्ग शासकीय भूमि से निकाले और किसानों की भूमि को कृषि या आवासीय उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जाए।
पटेल ने चेतावनी दी कि यदि विभाग ने किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार नहीं किया, तो भारतीय किसान संघ बड़े स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाएगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।




