अतिथि शिक्षक ई-अटेंडेंस सिस्टम से परेशान, नेटवर्क की समस्या बनी बड़ी बाधा

बागली हीरालाल गोस्वामी)। विगत एक दशक से अधिक समय से प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा दे रहे अतिथि शिक्षक आज ई-अटेंडेंस प्रणाली के कारण भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
प्रदेश शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अब अतिथि शिक्षकों के लिए मोबाइल से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है, अन्यथा उनकी उपस्थिति अमान्य मानी जाएगी और वेतन आहरण भी नहीं किया जाएगा।

अतिथि शिक्षक संघ बागली के राजेश तंवर और प्रेमनारायण पाटीदार ने बताया कि प्रदेशभर में लगभग 50 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक वर्तमान में सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। इनमें से कई स्कूल दूरस्थ वनांचल एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क न मिलने से शिक्षकों को पेड़ों पर चढ़कर या आसपास के मकानों की छतों पर जाकर उपस्थिति दर्ज करनी पड़ती है। कई बार नेटवर्क या लोकेशन की त्रुटि के कारण शाला में उपस्थित होने के बावजूद ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं हो पाती, जिससे उनका वेतन कट जाता है या विलंब से मिलता है।
शिक्षकों का कहना है कि इस त्रुटिपूर्ण व्यवस्था के चलते वर्तमान सत्र में कई बार वेतन तीन माह तक विलंब से प्राप्त हुआ है और कुछ को वेतन में कटौती का भी सामना करना पड़ा। यह स्थिति शिक्षकों में निराशा और मानसिक तनाव का कारण बन रही है।

अतिथि शिक्षक संघ के महेश कुर्रा, आदित्य तोमर, मनीष, ललित तिवारी, लोकेश राजपूत, प्रताप परिहार, बबीता चौधरी, आयशा अली, साधना जायसवाल, दुर्गा पाटीदार, सुनील पाटीदार और मनोहर बागवान ने सामूहिक रूप से शासन से मांग की है कि ई-अटेंडेंस प्रणाली में सुधार किया जाए या दूरस्थ क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए, ताकि शिक्षक सुचारू रूप से शिक्षण कार्य कर सकें और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो।



