स्कूली छात्रों के साथ ग्रामीणों ने तीन किमी पैदल चलकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

चेतावनी देते हुए कहा हादसों के रास्ते से छुटकारा दिलाइए, नहीं तो करेंगे बड़ा आंदोलन
पीपलरावां (रईस मंसूरी)। क्षेत्र में आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं और स्कूली बच्चों की जान को खतरे में डाल रही बदहाल सड़क से त्रस्त होकर सोमवार को पीपलरावां क्षेत्रवासियों का सब्र जवाब दे गया।
खस्ताहाल सड़क को लेकर ग्रामीणों ने स्कूली छात्रों के साथ पोलाय मार्ग पर सद्बुद्धि यज्ञ किया और उसके पश्चात “हमें चाहिए सड़क, विकास नहीं” जैसे नारों के साथ तीन किलोमीटर कीचड़ और गड्ढों से भरे रास्ते पर पैदल चलकर पीपलरावां तहसील कार्यालय पहुंचे।
यहां मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार लखन सोनानिया को सौंपा गया, जिसका वाचन पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष भूपेंद्र नागर ने किया। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि 15 दिनों में अधूरी सड़क का निर्माण नहीं हुआ और गड्ढे नहीं भरे गए, तो ग्रामीण चरणबद्ध आंदोलन करेंगे और बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे।

वर्षों से अधूरी है सड़क, जानलेवा बन चुकी है स्थिति-
देवास जिले के अंतिम छोर पर बसे पीपलरावां से होकर स्टेट हाइवे-17 गुजरता है, जिसे पूर्व विधायक राजेन्द्र वर्मा के कार्यकाल में स्वीकृति मिली थी। बेराखेड़ी फाटा से पीपलरावां तक इसका कार्य तो विधिवत रूप से हुआ, लेकिन घीचलाई मार्ग के पास पहुंचते ही पड़ोसी किसानों की आपत्तियों के कारण काम रुक गया। किसानों का कहना है कि सड़क निर्माण में उनकी निजी भूमि चली गई, लेकिन सरकार ने मुआवजा नहीं दिया। इससे करीब एक किलोमीटर का हिस्सा अधूरा रह गया है, जो अब जानलेवा बन चुका है।

यह सड़क देवास, शाजापुर, सीहोर जैसे तीन जिलों को जोड़ती है और सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के निपानिया, लकुमड़ी, घीचलाई, जोलाई जैसे गांवों को जोड़ने का मुख्य मार्ग भी है। स्कूली बच्चे और ग्रामीण प्रतिदिन इसी से गुजरते हैं। इस रास्ते पर एक हायर सेकेंडरी स्कूल और एक निजी स्कूल भी स्थित है। कीचड़ और उड़े हुए गंदे पानी से स्कूली बच्चों को रोज परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पहले भी हो चुकी हैं गंभीर दुर्घटनाएं-
17 सितंबर 2022 को निपानिया पहाड़ी पर एक स्कूली वाहन पलटी खा गया था, जिसमें कई बच्चों को गंभीर चोटें आई थीं। उस हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। आए दिन इस मार्ग पर वाहन पलटने की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे आमजन की जान दांव पर लगी रहती है।
कई बार हो चुकी हैं शिकायतें-
क्षेत्रवासी अब तक कई बार जनप्रतिनिधियों को आवेदन, ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। ग्रामीणों का कहना है कि अब प्रशासन की उदासीनता और सरकार की अनदेखी सहन नहीं की जाएगी। सोमवार को नुक्कड़ सभा में भी लोगों ने एकजुट होकर चेताया कि यदि अब भी समाधान नहीं निकला तो पीपलरावां से जिला मुख्यालय तक आंदोलन होगा।
जनसुनवाई में सौंपेंगे मांग पत्र-
तहसील कार्यालय के सामने नुक्कड़ बैठक के दौरान यह निर्णय भी लिया गया कि अब क्षेत्र के प्रतिनिधि जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में विगत वर्षों में इस रोड पर हुई दुर्घटनाओं का ब्योरा और संबंधित मांग पत्र प्रस्तुत करेंगे।



