स्वास्थ्य

सार्थक ऐप के विरोध में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ ने सौंपा ज्ञापन

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तकनीकी समस्याएं और समय निर्धारण न होने को लेकर जताई आपत्ति

देवास/बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। मध्यप्रदेश शासन के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा आगामी 1 अगस्त 2025 से ‘सार्थक ऐप’ को विभागीय कार्य प्रणाली में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्णय के विरोध में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ, जिला देवास ने शुक्रवार को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन जिला अध्यक्ष हुकुमचंद गुनावत के नेतृत्व में उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ. सीएस चौहान को सौंपा गया।

ज्ञापन में सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा, कि फील्ड में कार्य करने के दौरान कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में नेटवर्क की समस्या या तकनीकी खराबी जैसी चुनौतियां ऐप के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधा बनती हैं।

संघ का कहना है कि पशु चिकित्सकों की ड्यूटी का कोई निश्चित समय नहीं होता, कई बार उन्हें रात-दिन की आपातकालीन सेवाएं देनी पड़ती हैं। ऐसे में मोबाइल एप के माध्यम से कार्य की अनिवार्यता अतिरिक्त मानसिक दबाव और प्रशासनिक जटिलता को जन्म दे सकती है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पशुपालन विभाग के फील्ड स्टाफ की प्राथमिक जिम्मेदारी रोगग्रस्त पशुओं की तत्काल चिकित्सा और संक्रामक बीमारियों की रोकथाम होती है।

संघ ने विभाग से मांग की है कि जब तक फील्ड में सार्थक ऐप से जुड़ी तकनीकी व भौगोलिक समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक इस ऐप को लागू न किया जाए।

ज्ञापन देने के दौरान जिले के कई सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी उपस्थित रहे और सभी ने एक स्वर में सार्थक ऐप की अनिवार्यता को व्यावहारिक रूप से अव्यवस्थित बताते हुए इसे तुरंत स्थगित करने की मांग की। ज्ञापन देते समय जिले के समस्त सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पवन तिवारी, विष्णु प्रसाद यादव, बृजमोहन यादव, जेसी दायर, दुर्गाशंकर मालवीय, रितेश मालवीय, महेशचंद राठौड़, एचडी पटेल, अनिल योगी, देवेंद्र यादव, राजू रावत, प्रिया रोहिदास, आशा चौहान, ज्योति कटारियाज़ रुचि चौरसिया, अनीता डामोर, स्वाति चौहान, बीआर यादव, कैलाश बघेल, धर्मेंद्र बघेल, शैलेंद्र पटेल, शेखर रावत आदि उपस्थित रहे।

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