– सोनकच्छ एसडीएम और भौरासा नायब तहसीलदार ने किया खेतों का निरीक्षण
भौरासा (मनोज शुक्ला)। सोनकच्छ तहसील के टप्पा भौरासा अंतर्गत आने वाले गांवों में कई किसानों द्वारा गेहूं की फसल काटने के बाद खेतों में बची नरवाई (फसल के अवशेष) को दिन और रात में आग लगाकर जलाया जा रहा है। इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। लगातार किसानों को समझाइश दी जा रही है, और प्रचार-प्रसार भी किया गया है। कुछ स्थानों पर सैटेलाइट से निगरानी भी की जा रही है। इसके बावजूद नरवाई जलाना बंद नहीं हो रही है।
इसी क्रम में रविवार को सोनकच्छ एसडीएम प्रियंका मिमरोट, भौरासा नायब तहसीलदार लखन सोनानिया, पटवारी अशोक चौहान को नेवरी फाटे के पास एक खेत में आग लगने की सूचना मिली। टीम तत्काल मौके पर पहुंची।
एसडीएम मिमरोट ने मौके से ही भौरासा और सोनकच्छ नगर परिषदों को दमकल वाहन भेजने के लिए फोन किया, लेकिन काफी देर तक दमकल नहीं पहुंच सकी। जानकारी के अनुसार, भौरासा नगर परिषद में दमकल वाहन उपलब्ध नहीं है, और जो दमकल थी वह किसान आंदोलन के दौरान आग में जल गई थी। तब से अब तक नया वाहन नहीं आया है। नेवरी फाटे क्षेत्र में पानी का टैंकर भी नहीं पहुंच पाया, जिससे अधिकारी मौके पर लंबे समय तक इंतजार करते रहे।
जब खेत का मालिक किसान मौके पर पहुंचा, तो एसडीएम ने उससे आग लगने का कारण पूछा। किसान ने बताया कि उसे आग की जानकारी नहीं थी, और यह सूचना उसे पटवारी के फोन से मिली।
एसडीएम प्रियंका मिमरोट ने स्पष्ट कहा कि खेतों में नरवाई जलाना कानूनन प्रतिबंधित है। जो भी किसान ऐसा करेगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेंगी।
मौके पर एसडीएम ने पटवारी को निर्देश दिए कि वह मौका पंचनामा तैयार करें, और जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दमकल वाहन की अनुपलब्धता को लेकर उन्होंने कहा कि नगर परिषदों में संसाधनों की कमी को लेकर चर्चा की जाएगी और जल्द ही इसकी पूर्ति की जाएगी।