आवश्यकता विहीन अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण के विरोध में भाकिसं ने सौंपा ज्ञापन

देवास। भारतीय किसान संघ मालवा प्रांत के कार्यकर्ताओं ने तहसील स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर किसानों के हितों की अनदेखी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि वे विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन खेती-किसानी को बर्बाद करने वाले विकास को समर्थन भी नहीं देंगे।
ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने इंदौर आउटर रिंग रोड परियोजना के तहत किसानों की सहमति के बिना किए जा रहे संयुक्त सर्वे को तत्काल रोकने की मांग की। उन्होंने कहा, कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के मूल स्वरूप के अनुसार ही भूमि अधिग्रहण किया जाए।
मुआवजा और गाइडलाइन बढ़ाने की मांग-
किसानों ने यह भी मांग की कि विगत 12 वर्षों से गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई है, इसलिए इसे प्रतिवर्ष 20 प्रतिशत की दर से बढ़ाया जाए और नई गाइडलाइन के आधार पर किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाए।
विकास प्राधिकरणों पर गंभीर आरोप-
ज्ञापन में आरोप लगाया कि प्रदेश के विकास प्राधिकरण अपने मूल उद्देश्यों से भटक गए हैं और भू-माफियाओं की तरह काम कर रहे हैं। भाकिसं ने सभी विकास प्राधिकरणों को भंग करने की मांग की।
उग्र आंदोलन की चेतावनी-
जिला मंत्री शेखर पटेल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इन न्यायोचित मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती, तो भारतीय किसान संघ मालवा प्रांत तहसील स्तर पर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
इस दौरान बरोठा तहसील अध्यक्ष ईश्वरलाल पटेल, गोपीचंद अभय, कैलाश पटेल, कलदार पटेल, जितेंद्र पटेल, नौशाद अली, शोएब पटेल, अय्यूब पटेल, इमरान पटेल सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी कर अपनी आवाज बुलंद की।



