प्राइवेट डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए बुलाने का निर्णय औचित्यहीन- कांग्रेस

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मरीजों को सलाह देने के साथ स्वयं के क्लिनिक का करेंगे प्रचार- कांग्रेस

देवास। जब से प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बने हैं तब से अनेक ऐसे निर्णय हो रहे हैं जिनकी वह घोषणा करते हैं और फिर विरोध होने पर निरस्त भी कर देते हैं।

इस संदर्भ में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया, कि विगत दिनों उनकी सरकार द्वारा एक नया फार्मूला तैयार किया गया है जिसके अंतर्गत यह निर्णय लेने जा रहे हैं, कि डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अब सरकारी अस्पताल में हफ्ते में एक दिन निजी डॉक्टर भी अपनी सेवा दे सकेंगे।

शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता शर्मा ने बताया, कि पिछले दिनों भाजपा सरकार ने निर्णय लिया था कि सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट हाथ में देंगे जिसका स्वास्थ्य संगठनों एवं हमारे द्वारा विरोध किया गया जिसके चलते सरकार ने अपना निर्णय वापस ले लिया। अब नया फार्मूला उन्होंने बनाया है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए प्राइवेट डॉक्टरों को सप्ताह में एक दिन सरकारी अस्पताल में मरीजों को देखने की अनुमति दी जाएगी। इस संदर्भ में सरकार ने दलील दी है कि जो गरीब मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज नहीं करवा सकते उनका इलाज सरकारी अस्पताल में ही प्राइवेट डॉक्टर कर देंगे। बीपीएल और गर्भवती महिलाओं के लिए जांच और इलाज मुफ्त होगा, अन्य मरीजों को मात्र 10 रुपए में इलाज की सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण राठी के अनुसार हमने प्रक्रिया शुरू कर दी है, जल्दी इसके आदेश जारी हो जाएंगे। इसके लिए निर्देश दिए गए हैं कि रोगी कल्याण समिति के माध्यम से गेस्ट डॉक्टर सप्ताह में 1 दिन बुलाए जा सकेंगे। इन डॉक्टरों को दो घंटे अपनी सेवाएं देने के एवज में 2 से 3 हजार रुपए विजिट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश में 2 हजार 374 विशेषज्ञ डॉक्टर के पद खाली है। वही चिकित्सा अधिकारियों के 1054, डेंटिस्ट के 314 पद भी रिक्त हैं।

इस संदर्भ में कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार का निर्णय औचित्यहीन है। क्या गारंटी है कि प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर सरकारी चिकित्सालय में मरीज का इलाज करेंगे या उन्हें सलाह देंगे कि वह उनके क्लीनिक पर आकर मिल ले। प्राइवेट डॉक्टरों को दोहरा लाभ होगा एक तो सरकार की ओर से 2 से 3 हजार रुपए उन्हें हर सप्ताह मिल जाएंगे दूसरा उनके स्वयं के निजी क्लीनिक पर मरीज बढ़ जाएंगे।

इससे अच्छा है कि सरकार डॉक्टर के खाली पदों पर नियुक्ति करें। अधिकांश चिकित्सालय में डॉक्टर की कमी है। कांग्रेस की मांग है कि प्राइवेट डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल में भेजने की बजाए सरकार नए डॉक्टरों की खाली पदों पर नियुक्ति करें।

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