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बाजारवाद ने पूरे परिदृश्य पर कर लिया है कब्जा

– ओटला साहित्यिक मंच ने की पुस्तक पर परिचर्चा

देवास। गांधी जयंती पर ओटला साहित्यिक मंच द्वारा नीलेश रघुवंशी लिखित उपन्यास ‘शहर से दस किलोमीटर’ के अंश का पाठ तथा पुस्तक पर चर्चा का आयोजन किया गया। विनीता गौतम ने पुस्तक भेंट कर नीलेश रघुवंशी का स्वागत किया। दिनेश पटेल ने अतिथि परिचय दिया। रघुवंशी ने उपन्यास का अंश ‘भैया मारेगा’ बहुत ही प्रभावी पाठ किया। इस अंश की शुरुआत नवरात्रि उत्सव से होती है, जिसमें छोटी-छोटी बच्चियां गरबा खेलने जाती हैं। यह अंश नवरात्रि के समय काे बहुत बारीकी से पकड़ता चलता है।

विनीता गौतम ने कहा कि उपन्यास उन्हें बहुत पसंद आया और उन्हें लगा कि उपन्यास पढ़ते हुए उन्होंने लेखिका के साथ जैसे सभी स्थानों का भ्रमण किया। बहादुर पटेल ने उपन्यास के बारे में कहा कि उपन्यास बहुत से गंभीर मुद्दों को चिन्हित करता है जिनमें से मुख्य मुद्दा है किसानों का। किसान अपनी जमीन औने-पौने दामों में बेच रहे हैं और इसके लिए उन्हें सिस्टम मजबूर कर रहा। बाजारवाद ने पूरे परिदृश्य पर कब्जा कर लिया है। महानगरों से सटे कस्बों के ये किसान पिछड़े इलाकों में जाकर सस्ती जमीन खरीदकर वहां खेती कर रहे हैं। लेकिन उन दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के किसान और आदिवासी कहां जाएंगे? प्रकाश कांत ने उपन्यास के बारे में कहा कि यह उपन्यास समग्र दुःख को दर्शाता है, यूं भी दुःख का कोई अध्याय नहीं होता। सोनल शर्मा ने उपन्यास अंश पर कहा कि इसमें कही गई बातें उन्हें छू गई हैं। सुनील चर्तुवेदी ने कहा कि अंश से समझ आता है कि उपन्यास लेखिका कवयित्री भी है, गद्य में एक लय है और बड़ा स्त्री विमर्श रचती हैं।

कार्यक्रम में संजीवनी कांत, अमेय कांत, रेखा उपाध्याय, शोभा शिंगने, बिंदु तिवारी, कृष्णा तंवर, मोहन जोशी, अजीज रोशन, प्रतीक्षा पंड्या, ओंकारेश्वर गहलोत, राजेश चक्रवर्ती, भगवानसिंह रैकवार, लीला राठौर, अनु गुप्ता, अरविंद सरदाना, प्रकाश व्यास, चंद्रकांता शर्मा, राजेंद्र राठौर, गिरीश चौरे, अंतरसिंह भंडारी, पीके पंड्या आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति देशमुख ने किया। आभार संदीप नाईक ने माना।

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