धर्म-अध्यात्म

भैसूड़ा पर्वत पर होगा पांच दिवसीय रुद्र चंडी महायज्ञ

– विगत 40 वर्षों से आयोजित हो रहे हैं धार्मिक अनुष्ठान
बेहरी(हीरालाल गोस्वामी)। जिले के अंतिम छोर पर स्थित पर्वतीय स्थल भैसूड़ा पर्वत के मध्य प्राकृतिक अभिषेक जलधारा स्थान पर 1 से 5 मई तक रुद्र चंडी महायज्ञ रेणुका माता मंदिर के संत गोविंददास महाराज के नेतृत्व में आयोजित होगा।

यज्ञाचार्य रवींद्र त्रिवेदी ने बताया, कि यहां पर विगत 40 वर्षों से धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हो रहे हैं। यह स्थान पहले चरागाह एवं गोवंश पालकों के लिए मुख्य रूप से था। धीरे-धीरे इस स्थान की महिमा बढ़ती गई। श्रद्धालुओं ने बताया, कि जटाशंकर तीर्थ के महंत केशवदास त्यागी महाराज ने इस स्थान और कांगरिया पर्वत स्थान का महत्व ग्रामीणों को बताया, तब से इस स्थान की प्रसिद्धि और बढ़ गई।

ओम महाशक्ति ग्रुप से जुड़े विपिन शिवहरे मित्र मंडल ने इस स्थान पर सुंदर मंदिर और ऊपर तक जाने का सुलभ मार्ग बनाने में सहयोग दिया है। चापड़ा, बेहरी, अमरपुरा, गाराखेड़ी, बिजुखेड़ा, लखवाडा, गुराडिया, भमोरी, अंबाझर, बावड़ीखेड़ा, रामपुरा के श्रद्धालु भी समय-समय पर इस स्थान पर अपना श्रमदान और आर्थिक मदद करते हैं। इसके चलते यहां पर रौनक दिखाई देती है। विगत महंत कल्लूदास महाराज द्वारा यहां पर आम के पेड़ और अन्य फलों के पेड़ लगाकर पर्यटकों का आकर्षण बढ़ा दिया है। 25 वर्ष पूर्व भूस्खलन के चलते प्राचीन ईंट यहां से निकली, जिसे एक लाइन से जमा दी गई है। इन्हें सप्त ऋषि की संज्ञा देते हुए श्रद्धालु पूजा करते हैं।

पर्वत के मध्य में स्थित आम के विशाल पेड़ की जड़ों से मीठे जल का स्रोत निकलता है। भरगर्मी में भी यह नहीं सूखता है। इसके चलते आसपास के इलाके के जंगली जानवर यहां पर अपनी प्यास बुझाने आते हैं। इन्हें आसानी से देखा जा सकता है। वर्ष 2000 में तात्कालिन डिप्टी रेंजर ओपी शर्मा द्वारा यहां पर बड़े स्तर पर बांस के पेड़ लगाए थे, जो अब हरे-भरे दिखाई दे रहे हैं।

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