धर्म-अध्यात्म

चैत्र अमावस्या: दो दिवसीय मेले में ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे नेमावर

  • रात्रि में दीपदान किया, सुबह भस्म आरती में शामिल हुए, जल तर्पण कर पितरों के लिए की मोक्ष की कामना
  • प्रशासनिक व्यवस्था चाक-चौबंद होने से श्रद्धालुओं को नहीं हुई परेशानी, विधायक ने भंडारे में गरमा-गरम चपाती परोसी

नेमावर (संतोष शर्मा)। चैत्र माह की बड़ी सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के प्राचीन परंपरा अनुरूप दो दिवसीय मेले में हजारों भक्तों ने मां नर्मदा के नाभि तीर्थ के नागर घाट, सिद्धनाथ, वामन घाट, मेलघाट, दरबार घाट, पड़ियाड़ घाट पुराना पुल, एवं नाव घाट पर आस्था की डुबकी लगाई व अपने पितरों को जल तर्पण कर उनके मोक्ष की कामना की।

इस अवसर पर दूर-दराज के हजारों ग्रामीण पैदल या वाहनों से अमावस्या पर्व की पूर्व संध्या से नर्मदा के घाटों पर आने लगे थे। नर्मदा भक्तों ने नर्मदा के पवित्र तट पर रात्रि विश्राम कर मां नर्मदा को दीपदान किया। मंगलवार प्रातः 4 बजे मंगलबेला में स्नान किया। स्नान के पश्चात भगवान सिद्धनाथ की भस्म आरती में उपस्थित होकर भस्म आरती की। भगवान सिद्धनाथ का जलाभिषेक कर शुभ मंगल, आरोग्य, धनधान्य, सौभाग्य की मंगल कामना की। मंदिर में भस्म आरती के साथ ही दर्शनार्थियों की लंबी कतार लग गई।

अमावस्या पर्व की पूर्व रात्रि सोमवार को चौदस तिथि में मालवांचल से आए जान-पड़ियाड़ लोगों ने नर्मदा की पवित्र पुण्यशील भूमि पर बैठकर भूत-प्रेत बाधा, मानसिक, शारीरिक बाधाओं से ग्रसित लोगोें का तांत्रिक क्रियाओं से उपचार किया। नर्मदा जल से स्नान के साथ कई अन्य क्रियाएं कीं। करीब 2 से ढाई लाख भक्त पर्व स्नान के लिए यहां आए थे। स्नान का दौर अल सुबह से देर शाम तक अनवरत चलता रहा।

घट स्थापना के लिए पवित्र जल लेकर गए-

उल्लेखनीय है, कि मालवांचल से आने वाले भक्तों में नर्मदा के पांच घाट के स्नान का बड़ा ही महत्व माना जाता है। इसके तहत एकादशी तिथि से अमावस्या तक सैकड़ों भक्त वाहनों में सवार होकर बस स्टैंड से ढोल-धमाके के साथ अपने देवी-देवताओं को लेकर स्नान वाले घाट तक पहुंचे। देवताओं को स्नान कराकर उन्हें शुद्ध कर दैविक शक्ति का संचार किया। नवरात्रि में पूजन के लिए भक्त नर्मदा का पवित्र जल घट स्थापना के लिए लेकर गए। इस पवित्र जल से मां के बोए जाने वाले जवारों का सिंचन भी किया जाएगा।

घाटों की सफाई पर विशेष ध्यान-

नगर परिषद अध्यक्ष कृष्णगोपाल अग्रवाल एवं सीएमओ बलीराम मंडलोई ने बताया कि नगर परिषद के सफाईकर्मियों ने नर्मदा के स्नान वाले घाटों पर लगातार सफाई का विशेष ध्यान रखा। इससे घाट पर सफाई बनी रही और स्नान के लिए आए भक्तों को परेशानी महसूस नहीं हुई।

सुचारू रहा आवागमन-

थाना प्रभारी राजाराम वास्कले ने बताया, कि इस बार पार्किंग की व्यवस्था एनएच 59 के बन रहे नए मार्ग पर की जाने से वाहनों की पार्किंग में बड़ी सहूलियत रही। बार-बार सड़क जाम की स्थिति नहीं बनी। आवागमन बड़ा सुचारू बना रहा। हरदा जिले से आने वाले दो पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए नर्मदा पुल के पश्चिम भाग में अलग पार्किंग स्टैंड बना देने तथा खातेगांव तरफ से आने वाले दो पहिया वाहनों का अलग स्टैंड कर देने से दोनों तरफ के वाहनों की कोई क्रासिंग नहीं रही। इससे दो पहिया वाहनों की गुत्थम-गुत्था नहीं हुई। इस व्यवस्था से आवागमन सुचारू बना रहा।

भंडारे में गरमा-गरम चपाती-

क्षेत्रिय विधायक आशीष शर्मा के सानिध्य में विगत नौ वर्षों से हर अमावस्या पर्व पर नर्मदा भक्तों को निःशुल्क भोजन प्रसाद के लिए भंडारा चल रहा है। यह सिलसिला इस अमावस्या पर्व पर भी बना रहा। इस बार पूड़ी प्रसादी के स्थान पर भक्तों को भंडारे में गरमा-गरम चपाती दी गई। इसकी भक्तों ने एवं स्थानीय रहवासियों ने सराहना की। लोगों का कहना था कि अधिक संख्या में भक्तों के लिए भंडारे में चपाती की व्यवस्था सरल काम नहीं है। इसके बावजूद भगवन भक्त मंडल ने यह कर दिखाया। विधायक श्री शर्मा ने बताया कि अब हर अमावस्या पर तेल की पूड़ी के स्थान पर गरमा-गरम चपाती की व्यवस्था की जाएगी।

निर्णय पर नहीं हो पाया अमल-

मेले की व्यवस्था को लेकर हुए कुछ निर्णयों पर अमल नहीं होने से परेशानियां भी रहीं। निर्णय में बस स्टैंड से होते हुए सिद्धनाथ व नर्मदा तट तक पहुंचने वाले मार्ग पर लाल माय की कुटिया के पास अवैध रूप से पार्क कर दिए जाने वाले दो पहिया वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाना सुनिश्चित की गई थी, परंतु उक्त स्थान पर निर्बाध रूप से दो पहिया वाहन पार्क किए जाते रहे। इसी के साथ मंदिर के गर्भगृह पर प्रवेश न करते हुए सभा मंडप से दर्शन की व्यवस्था निश्चित की गई थी, वहां भी व्यवस्था पर अमल नहीं हुआ। इसी मार्ग पर सांप सपेरा वाले भी अपना अड्डा जामाए बैठे रहे। बस स्टैंड से नर्मदा एवं सिद्धनाथ मंदिर तक जाने वाला यह मार्ग बहुत ही संकरा होने से आवागमन में बड़ी परेशानी होती है। इसमें दो पहिया वाहनों की गलत रूप से की गई पार्किंग आने वाले भक्तों की आवाजाही के लिए परेशानी का कारण बनती नजर आई।

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