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UP Farmers | यूपी सरकार किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए कटिबद्ध: मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

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यूपी सरकार किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए कटिबद्ध: मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने आलू के कृषकों (Farmers) को उनके उत्पाद का उचित मूल्य (Price) मिल सके इस के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Scheme) के तहत उचित औसत गुणवत्ता (FAQ) का आलू रुपए 650 प्रति क्विंटल की दर से क्रय किए जाने का निर्णय लिया है। उक्त जानकारी देते हुए उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में जनपद मैनपुरी, एटा, कासगंज, फर्रूखाबाद, कौशाम्बी, उन्नाव और बरेली में उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) के क्रय केंद्र खोले जा रहे हैं। हॉफेड के स्तर से आलू निर्यात की ठोस कार्यवाही आरंभ कर दी गयी है और निर्यातकों से मांग भी प्राप्त हो रही है। उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा भी बाजार हस्तक्षेप योजना के अंतर्गत सभी जनपदों में आलू उत्पादक क्रय केंद्र खोले जायेंगे।

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए कटिबद्ध है और प्रत्येक आवश्यक संसाधनों का उपयोग कर यथोचित योजनायें लागू की गई है। मार्च, 2023 के प्रथम सप्ताह में प्रदेश के विभिन्न मंडियों में आलू के थोक बाजार भाव में कमी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में किसानों का आलू सुगमता से शीतगृह में भण्डारित कराना, प्रदेश से बाहर आलू का विपणन कराना, किसानों को लागत का मूल्य दिलाना, भारत सरकार की योजना का किसानों को भण्डारण और विपणन पर लाभ दिलाना, मंडी में ई-नैम व्यवस्था आदि प्रभावी कार्यवाही की गई।

उद्यान मंत्री ने बताया कि शासन स्तर से प्रतिदिन उद्यान विभाग के अधिकारियों और कोल्ड स्टोरेज के मालिकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कृषकों को आलू भण्डारण में किसी प्रकार की कोई समस्या न आए। इसके अतिरिक्त प्रत्येक कोल्ड स्टोरेज पर उद्यान विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी किसानों को कोल्ड स्टोरेज में आलू भण्डारण में सुगमता के लिए लगाई गई है।

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600 टन आलू का निर्यात मलेशिया, दुबई और कतर भेजा गया 

उद्यान मंत्री ने बताया कि आलू का प्रदेश के बाहर और देश के बाहर निर्यात को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में आलू बाहुल्य क्षेत्र विशेषकर फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, बाराबंकी आदि में ई-नैम के माध्यम से आलू विक्रय के लिए ई-ट्रेड की विशेष व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश से 15,000 टन आलू का निर्यात उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) के माध्यम से नेपाल को निर्यात करने के अनुबंध के क्रम में पहली खेप फर्रुखाबाद से रवाना की जा चुकी है। जनपद आगरा से 600 टन आलू का निर्यात मलेशिया, दुबई और कतर के लिए भेजा जा चुका है।

उत्तर प्रदेश में 35 प्रतिशत आलू उत्पादन 

उद्यान मंत्री ने बताया कि भारत में उत्तर प्रदेश का आलू उत्पादन में प्रथम स्थान है। प्रदेश में उपभोक्ताओं के लिए पोषणीय आवश्यकता, रोजगार सृजन और आर्थिक दृष्टि से नकदी फसल के रूप में आलू का महत्वपूर्ण योगदान है। देश के कुल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है। योगी सरकार के प्रयास से आलू के क्षेत्रफल और उत्पादन में वृद्धि हुई। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू के आच्छादन के सापेक्ष लगभग 242.93 लाख मी. टन उत्पादन संभावित है। सरकार के प्रयास और लागू नीतियों के माध्यम से शीतगृहों की संख्या और भण्डारण क्षमता में वृद्धि हुई है। इस वर्ष आलू भण्डारण के लिए 1971 शीतगृह संचालित है, जिनकी भण्डारण क्षमता 162.62 लाख मी. टन है। अभी तक मात्र 88.14 लाख मी. टन आलू भण्डारित हुआ है और 74.48 लाख मी. टन (45.80 प्रतिशत) की क्षमता भण्डारण के लिए अवशेष है।



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