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गोरेगांव. विद्युत विभाग नागरिकों व जानवरों के सुरक्षा के उद्देश्य से डिस्ट्रिब्यूशन पैनल विद्युत ट्रांसफार्मर में सुरक्षा बॉक्स लगाता है. लेकिन इन दिनों तहसील में स्थित डीपी बॉक्सों पर किसी का ध्यान नहीं है. यहां अधिकतर डीपी बॉक्स खुले पड़े हैं जिसमें विद्युत प्रवाह शुरू रहता है. यहां ट्रांसफार्मर (डीपी) सड़क किनारे खेतों में व जंगलों में लगे होने से नागरिकों व जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं.
इन्हें दत्त मंदिर कवलेवाड़ा, सोनेगांव, बागड़बंद, सब सेंटर तेढ़ा में आने वाले पंचवटी चिल्लाटी मार्ग पर बिल्कुल सड़क के समीप देखा जा सकता है. यहां कुछ डीपी बॉक्स टूट-फूट कर नीचे पड़े हैं जिसे दुरुस्त करने की फुरसत महावितरण के पास नहीं है. तहसील के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ट्रांसफार्मर ऐसे ही खुले पड़े हैं जिसमें विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही दिखाई दे रही है.
यहां ट्रांसफार्मर में दुरुस्ती कार्य पूरा होने पर विभाग के कर्मचारी डीपी बॉक्स के कपाट को वैसे ही खुला छोड़ देते हैं जबकि अधिकतर ट्रांसफार्मर सड़कों के किनारे तथा खेत परिसरों में लगे होते हैं. ऐसे में सड़कों पर नागरिकों का आवागमन लगा रहता है जिसमें खुले पड़े ट्रांसफार्मरों में विद्युत प्रवाह शुरू रहता है जो आवागमन करने वाले नागरिकों सहित जानवरों को भी इसका खतरा है. अनेकों बार इस प्रकार के दुर्घटनाएं हो चुकी है. ऐसे में विद्युत विभाग के कर्मचारीयों को अपनी जिम्मेदारी जवाबदारी पूर्वक निभाने की आवश्यकता है.
कभी भी हो सकती है दुर्घटना
विद्युत विभाग द्वारा अनेक ट्रांसफार्मर खेत व जंगल क्षेत्र में लगाए हैं. चरवाहे अपने मवेशियों को विद्युत ट्रांसफार्मरों के ईद-गिर्द चराया करते हैं. जिसकी वजह से कभी भी दुर्घटना घटित हो सकती है. इतना ही नहीं, तहसील अनेक गांवों में डीपी बॉक्स जर्जर व टूटे-फूटे अवस्था में पहुंच गए हैं. लेकिन महावितरण को नए बॉक्स लगाने में रुचि नहीं है. जिसमें विद्युत ट्रांसफार्मर डीपी से शॉक लगने की घटनाएं इसके पहले भी घट चुकी है. जिससे ज्यादा जानवर इसका शिकार होते आ रहे हैं. खुले पड़े डी.पी बॉक्स नागरिकों सहित जानवरों के लिए भी खतरा बने हुए हैं.
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