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भाजपा नेता ने आगे कहा कि उन्होंने न सिर्फ मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की बल्कि मेरी दिवंगत मां को भी अभियुक्त करार दिया। जिसके चलते मैंने धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी वार-पलटवार का दौर जारी है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इसको लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत का बयान भी सामने आ गया है। अपने बयान में गजेंद्र शेखावत ने कहा कि लगभग 3 साल तक CM ने मेरा नाम अनेक अवसर पर एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की जिसका न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई प्राथमिक सदस्य, डिपॉसिटर आदि है। उन्होंने जोधपुर में मुझे इस मामले में अभियुक्त करार दिया है।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि उन्होंने न सिर्फ मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की बल्कि मेरी दिवंगत मां को भी अभियुक्त करार दिया। जिसके चलते मैंने धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया है। दूसरी ओर इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा कि मैं इसका स्वागत करूंगा। इससे मामले में तेजी आएगी और इससे उन पीड़ितों को मदद मिलेगी, जिन्होंने घोटाले में पैसा गंवाया है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मामले में सहयोग करने को तैयार है। गहलोत ने कहा कि अगर शेखावत द्वारा उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया जाता है, तो इससे अंततः पीड़ितों को मदद मिलेगी क्योंकि घोटाले का मामला एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संज्ञान में आए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखा है लेकिन ईडी इस मामले को अपने हाथ में नहीं ले रही है। गहलोत ने कहा कि संपत्ति को कुर्क करने का अधिकार ईडी के पास है और राज्य पुलिस का विशेष अभियान समूह (एसओजी) आरोपी की संपत्ति जब्त नहीं कर सकता।
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