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सावधान हो जाएं वरना 20 साल बाद खून के आंसू रोएंगे

 

  • पाश्चात्य सभ्यता के अनुसार रखे जाते हैं नाम, कुत्ते व बच्चे के नाम में कोई अंतर नहीं दिखता
  • कैलादेवी मंदिर में श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने दिए अनुकरणीय संदेश

देवास। देश में हम आजादी का अमृत उत्सव मना रहे। इस आजादी को पाने के लिए वीरों का खून बहा है। आजादी का मतलब यह नहीं कि हम अपनी संस्कृति का पतन कर दें। हम क्या पढ़ा रहे हैं हम क्या पढ़ रहे हैं। क्या छीनने वाला ग्रेट होता है। ग्रेट तो है हमारे राम हैं, जिन्होंने सौतेली मां के आदेश पर 14 साल राजपाट त्याग कर वन को चले गए। यह हमारी संस्कृति है। बच्चों को इतिहास पढ़ाएं, हमारा इतिहास लाखों साल पुराना है। हमारी संस्कृति-हमारे सनातन धर्म में मानवता का संस्कार दिया जाता है। बच्चों को बचपन से अध्यात्म का ज्ञान, प्रभु की भक्ति, संस्कृति का ज्ञान दे और हमारे संस्कारों से परिपूर्ण करे। वरना सावधान रहें आने वाले 20 साल बाद हमारी ये पीढ़ी खून के आंसू रोएंगी।

कैलादेवी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने ये विचार व्यक्त किए। कथा प्रसंग के दौरान अजामिल की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि बच्चों का नाम भगवान के नाम पर ही रखें, ताकि चलते-फिरते हमें प्रभु का स्मरण हो सके। आजकल पाश्चात्य सभ्यता के अनुसार नाम रखे जाते हैं। कुत्ते व बच्चे के नाम में कोई अंतर नहीं दिखता। नाम हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहा है। आपने कहा कि हर वैष्णवी को अपने घर में पंच देवता की पूजा करना चाहिए। पंच देवता में गणेश, भगवान शिव, नारायण अर्थात विष्णु, राम और कृष्ण, सूर्यदेव एवं शक्ति रूपा मां दुर्गा इनकी उपासना करने से ही हम अपने जीवन का कल्याण कर सकते हैं। कथा में राजा बलि की कथा, प्रभुराम के जन्म का वर्णन, रामायण के सुंदर प्रसंगों का वर्णन किया। प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म का वर्णन करते हुए भगवान कृष्ण के जन्म पश्चात वासुदेवजी द्वारा भगवान कृष्ण को गोकुल ले जाने के दृश्य की झांकी प्रस्तुत की गई। आलकी की पालकी, जय कन्हैयालाल की एवं नंद के घर आनंद भयो गीतों के साथ कृष्ण जन्म पर श्रोताओं ने जमकर नृत्य किया और कथा पंडाल को गोकुल का स्वरूप दिया। इस अवसर पर शहीदों की शहादत का स्मरण करते हुए एनाबाद के वीर पुत्र शहीद सुरेंद्रसिंह गोहिल के पिता रणवीरसिंह गोहिल का व्यासपीठ से ठाकुरजी ने सम्मान किया। सम्मान करते वक्त ठाकुरजी भावविभोर हो गए। साथ ही अवकाश में आए भारतीय सेना के पांच जवानों का मंच से सम्मान किया गया। इस अवसर पर बतौर अतिथि भाजपा जिला प्रभारी गोपाल आचार्य, जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्रसिंह राजपूत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज राजानी, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव पूर्णिमा खण्डेलवाल, पृथ्वीराजसिंह रजापुर, प्रेस क्लब अध्यक्ष अतुल बागलीकर, पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अनिलराजसिंह सिकरवार, विनोद जैन, खूबंचद मनवानी, महंत कमलपुरी गोस्वामी, भाजपा जिला महामंत्री मनीष सोलंकी, पोपेन्द्र बग्गा आदि आरती में उपस्थित थे।

कवि सम्मेलन-

7 अप्रैल को रात्रि 8 बजे कथा पंडाल में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें देशभर के ख्यात कवि अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देंगे। संयोजक रायसिंह सेंधव, अध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल, आयोजक दीपक गर्ग, देवकृष्ण व्यास, रेखा वर्मा, रमण शर्मा, अजबसिंह ठाकुर ने कवि सम्मेलन को सफल बनाने की अपील की है।

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