,

भक्ति के बदले कुछ मांगना व्यापार के समान- पं. त्रिवेदी

Posted by

Share

कांटाफोड़। समीपस्थ चन्द्रकेशर बांध पर स्व. गोविंद धसोरिया की स्मृति में उनके परिवार द्वारा आयोजित कथा के तृतीय दिवस पर वामन चरित्र प्रसंग सुनाया गया। कथा में वामन स्वरूप झांकी बनाई गई। व्यासपीठ से कथा सुना रहे पंडित संजयकृष्ण त्रिवेदी ने कहा कि प्रेम से यदि कोई आराधना करें तो भगवान वामन अर्थात छोटा होना भी स्वीकार कर लेते हैं और तो और अपने भक्तों के घर मांगने भी चले जाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रहलाद एक ऐसे भक्त हुए जिन्होंने भगवान से कभी कुछ नहीं मांगा केवल निस्पृह होकर भगवान की भक्ति की। प्रहलादजी ने भगवान नरसिंह को कहा कि यदि मैं आपकी भक्ति करूं और बदले में कुछ मांगू तो यह तो दुकानदारी हो जाएगी और प्रभु मुझे व्यापार करना नहीं आता। मैं प्रेम के वश आप से बंधा हूं। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का आंनद लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *