सकारात्मकता के लिए विचारों को योग व ज्ञान के निर्मल जल सींचना होगा- ब्रह्मा कुमारी प्रेमलता
देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कालानी बाग में ब्रह्मा बाबा की 54वीं पुण्यतिथि मनाई गई। ब्रह्मा बाबा के स्मृति दिवस पर जिला संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी, उदासीन अखाड़ा के संत पूर्णानंदजी, मां चामुंडा सेवा समिति सदस्य एवं सेवा केंद्र से जुड़े भाई-बहनों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने विचार प्रकट करते हुए कहा कि ब्रह्मा बाबा आज हमारे बीच नहीं है फिर भी वह अव्यक्त रूप में हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। ब्रह्मा बाबा इस संस्था के प्रथम संस्थापक थे। उन्हीं की प्रेरणा व आदर्श से हम दिन प्रतिदिन राजयोग, ध्यान योग व मेडिटेशन द्वारा लोगों को मानसिक शांति, प्रेम और सौहार्द से रहने का संदेश दे रहे हैं। दीदी ने कहा कि पौधे को सींचने से पहले जड़ को पानी देना जरूरी है। इसी प्रकार मनुष्य के नकारात्मक विचारों को सकारात्मकता में बदलने के लिए योग व ज्ञान के निर्मल जल सींचना होगा। इस अवसर पर रामेश्वर जलोदिया, नरेंद्र मिश्रा, इंदरसिंह गौड़, उम्मेदसिंह राठौड़, दिनेश सांवलिया, विजय मालवीय, बंशीलाल राठौड़, विवेक भाई, बद्री भाई, मनीषा बहन, अपुलश्री बहन, हेमा बहन, रमा बहन, सुमित्रा बहन, शकुंतला बहन, सुनीता बहन, एकता बहन, राधा बहन आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। पुष्पांजलि के बाद भोजन प्रसाद वितरित किया गया।