देवास (राजेश बराना)। ग्राम छापरी में आज श्रीश्री ब्रह्मालीन स्वामी हरिहरानंद गिरी महाराज की 22वीं पुण्यतिथि समारोह और श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा कथा के पांचवें दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा का प्रसंग सुनाया गया। महंत केशव गिरी ने कहा कि यह कम खेद का विषय नहीं है, कि लोग धन की लिप्सा में चरित्र को भूलते जा रहे हैं। चरित्र की महत्ता पैसे से कहीं बढ़कर है। जिसने धन के लोभ में चरित्र खो दिया है अथवा चरित्र को खोकर धन कमाया है, उसने मानो पाप ही कमाया है। चरित्रहीन व्यक्ति का संसार में कहीं भी आदर नहीं होता फिर उसका बैंक बैलेंस कितना ही लंबा चौड़ा क्यों ना हो? इसके विपरीत “चरित्रवान” व्यक्ति “निर्धनता” की दशा में भी सब जगह सम्मान की दृष्टि से ही देखा जाता है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरी महाराज के सानिध्य में श्री शुक सर्वानंद सन्यास आश्रम छापरी देवास के अध्यक्ष हरिसिंह ठाकुर व समस्त गांववासियों द्वारा आयोजन किया जा रहा है। आयोजन समिति के वीरेंद्रसिंह राजपूत छापरी ने बताया कि कथा के समापन पर भंडारा 3 जनवरी को रखा गया है।
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