धर्म-अध्यात्म

देवनारायण कथा में श्रद्धालुओं ने पाया जीवन मूल्य का संदेश

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ग्राम बड़ी चुरलाई में हुआ दो दिवसीय आयोजन

देवास। ग्राम बड़ी चुरलाई स्थित जलोदिया-खोकरिया मार्ग पर दो दिवसीय भगवान देवनारायण कथा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस आध्यात्मिक आयोजन में भक्तों ने भगवान देवनारायण की कथा के माध्यम से भक्ति, धर्म, त्याग और परोपकार के आदर्शों को जाना। कथा का आयोजन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक प्रतिदिन हुआ।

कथावाचक दिनेश जी भगत ने भगवान देवनारायण के जीवन प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं को आत्मिक आनंद की अनुभूति कराई। उन्होंने कहा कि जीवन में धर्म वही है, जो दूसरों के दुख में सहभागी बनता है। भगवान देवनारायण ने जन-जन के कल्याण के लिए जीवन समर्पित किया। हमें भी अपने जीवन में परोपकार, सेवा और सच्चाई के मार्ग को अपनाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भगवान देवनारायण सिर्फ एक आराध्य नहीं, बल्कि शौर्य, त्याग और न्यायप्रियता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अपने मूल्यों और सिद्धांतों पर अडिग रहना ही सच्ची भक्ति है।

श्रद्धालु भाव-विभोर हुए-
कथा स्थल पर ग्रामीणों सहित आस-पास के अंचलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। कथा के दौरान पूरा वातावरण भक्ति रस में डूबा रहा। हर प्रसंग पर जयघोष, तालियों और मंत्रोच्चार से पूरा परिसर गुंजायमान होता रहा।

आयोजन के अंतिम दिन समापन अवसर पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा सम्मानित प्रगतिशील कृषक धर्मेंद्रसिंह राजपूत ने कथावाचक दिनेश भगत जी का श्रीफल भेंट कर आत्मीय स्वागत किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस दो दिवसीय आयोजन के आयोजक राजाराम पाटीदार, त्रिलोक कटारिया, विष्णु कटारिया, धर्मेंद्र कटारिया, दीपक एवं विकास रहे, जिनके अथक प्रयासों से यह आयोजन संपन्न हुआ।

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