भोलेनाथ का भूतेश्वर महादेव के रूप में हुआ श्रृंगार, दौड़ती कावड़ यात्रा पहुंची बेहरी

सावन के तीसरे सोमवार को शिवभक्तों ने किया नर्मदा जल से अभिषेक, गूंजे “बोल बम” के जयकारे
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)।
श्रावण मास के पावन अवसर पर शिवभक्तों की आस्था अपने चरम पर है। जिलेभर में जगह-जगह कावड़ यात्राओं के आयोजन हो रहे हैं, जिनमें भोलेनाथ के भक्त श्रद्धा और ऊर्जा के साथ भाग ले रहे हैं। सावन के तीसरे सोमवार को बेहरी गांव स्थित प्राचीन महादेव मंदिर में धाराजी से दौड़ती कावड़ यात्रा पहुंची, जहां भोलेनाथ का नर्मदा जल से अभिषेक कर भव्य पूजा-अर्चना की गई।
तीन घंटे में तय किया 70 किलोमीटर का सफर-
धाराजी से रवाना हुई कावड़ यात्रा ने करीब 70 किलोमीटर का सफर महज 3 घंटे में दौड़ते हुए तय किया। इस दौड़ती यात्रा में शामिल लगभग 30 शिवभक्तों की श्रद्धा और जोश देखते ही बनता था। “बोल बम”, “हर हर महादेव”, “जय शिव शंकर” के गगनभेदी नारों से वातावरण शिवमय हो गया।
गांव की सुख-समृद्धि के लिए की गई पूजा-
कावड़ यात्रा के बेहरी पहुंचने पर भक्तों ने मंदिर में भोलेनाथ का विधिवत जलाभिषेक किया और गांव की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। अभिषेक के पश्चात श्रद्धालुओं ने आरती उतारी और मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण किया गया।
विशेष श्रृंगार में भूतेश्वर महादेव का दिव्य स्वरूप-
इस अवसर पर मंदिर के पुजारी पं. हरीश उपाध्याय ने भगवान शिव का भूतेश्वर महादेव के रूप में विशेष श्रृंगार किया। रुद्राभिषेक के बाद शिवलिंग को पुष्प, बिल्वपत्र, चंदन, भस्म और आभूषणों से श्रृंगारित किया गया, जिससे शिवलिंग का स्वरूप अत्यंत मनोहारी हो गया।
पूरे आयोजन में शिवभक्तों का उत्साह, अनुशासन और आस्था देखने योग्य थी। भक्तों ने बताया कि दौड़ती कावड़ यात्रा का उद्देश्य केवल साधना या परंपरा नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धि, सेवा और संकल्प का प्रदर्शन भी है। अनेक श्रद्धालु पहली बार इस तरह की दौड़ती कावड़ यात्रा में शामिल हुए थे और उन्होंने इसे एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव बताया।
धर्मेंद्र पाटीदार, संतोष प्रजापत, राज पाटीदार, शिवनारायण पाटीदार, मयंक पाटीदार, हरिओम पाटीदार, अशोक पाटीदार, जितेंद्र विश्वकर्मा, विवेक पाटीदार, रामेश्वर पाटीदार, भोला पाटीदार आदि ने कावड़ यात्रियों का सहयोग किया।



