मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समीक्षा बैठक में देवास जिले के “किलकारी अभियान” की सराहना की

देवास। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा भोपाल में राज्य स्तरीय महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में बैठक में देवास जिले में किए गए नवाचार “किलकारी अभियान” की प्रशंसा करते हुए कहा कि कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए देवास जिले में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस प्रकार के नवाचार प्रदेश के सभी जिलों में होना चाहिए। जिससे प्रदेशभर में कुपोषण को खत्म करने में नई गति मिल सके। उल्लेखनीय है कि देवास जिले में कलेक्टर ऋतुराज सिंह एवं सीइओ जिला पंचायत के मार्गदर्शन में “किलकारी अभियान” नवाचार को माह मई 2025 में जिले के 1740 सैम बच्चे एवं 7019 मैम बच्चों की पहचान कर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने के लिए अभियान शुरू किया गया। इन बच्चों अमलतास अस्पताल, सोनकच्छ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, इंडेक्स अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टोंकखुर्द में भर्ती कर बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया गया। यह अभियान कुपोषण के खिलाफ जिले का सबसे प्रभावी नवाचार साबित हुआ है।
जिले में किलकारी अभियान कुपोषण से लड़ने के लिए एक अनूठी पहल है। यह अभियान बच्चों में कुपोषण खत्म करने के लिए चलाया जा रहा है। अभियान देवास ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश में अपनी पहचान बना रहा है। किलकारी अभियान कुपोषण के खिलाफ एक लड़ाई है, जिससे हम जिले से कुपोषण को खत्म करेंगे। हमारा प्रयास है कि हम आगामी छह माह में कुपोषण से ग्रसित बच्चों को पोष्टिक आहार एवं उनकी माताओं को पोष्टिक आहार के संबंध में जानकारी दी जा रही है। जिससे वे अपने बच्चों को कुपोषण से बचा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री श्रीमती ठाकुर ने भी किया था निरीक्षण-
केंद्रीय राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग सावित्री ठाकुर ने देवास जिले में बच्चों और माताओं के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन देवास द्वारा चलाये जा रहे “किलकारी” पोषण अभियान के तहत अमलतास अस्पताल देवास में बनाये गये “पोषण पुनर्वास केंद्र” निरीक्षण किया था और इस अभियान की सराहना की थी।
इन स्थानों पर भी बनाए गए पोषण पुनर्वास केंद्र-
जिले के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए किलकारी” पोषण अभियान के तहत सिविल अस्पताल सोनकच्छ में पुनर्वास केंद्र बनाया गया। खातेगांव एवं बागली विधानसभा क्षेत्र के कुपोषित बच्चों के लिए इंडेक्स अस्पताल इंदौर में “पोषण पुनर्वास केंद्र” बनाया गया, जहां पर भर्ती बच्चों का उपचार किया गया।
कुपोषण के प्रमुख कारण-
कुपोषण के प्रमुख कारण जागरूकता का अभाव, पौष्टिक भोजन के प्रति अज्ञानता, पौष्टिक भोजन की पूर्ति न होना, स्वास्थ्य के प्रति गंभीर न होना, सामान्य व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति लापरवाही, बाल विवाह, कम आयु में मां बनना, किशोरी बालिकाओं में एनीमिया, बच्चों की अधिक संख्या होना है।
अभियान का क्रियान्वयन-
किलकारी अभियान के क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं चिकित्सालयों के प्रबंधकों की बैठक का आयोजन कर कुपोषण के विषय पर संवेदनशील किया गया। बच्चों के अभिभावकों को कुपोषण की गंभीरता को लेकर प्रेरित किया गया। आवागमन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अमलतास एवं इंडेक्स चिकित्सा महाविद्यालयों की बसों में परिवहन व्यवस्था निःशुल्क की उपलब्ध कराई गई।
चिकित्सकीय जाँच एवं दवाईयों की निःशुल्क उपलब्ध कराई गई। बच्चों के अभिभावकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को चिकित्सालयों में स्वाथ्य पोषण, स्वछता की शिक्षा महाविद्यालयों, नर्सों के माध्यम से दिलवाई गई। डिस्चार्ज होने के बाद प्रत्येक बच्चों के फालोअप के लिए अभिभावकों को तैयार किया गया। क्षेत्रवार बच्चों को चिकित्सालयों में 14 दिवस तक भर्ती करवाने की मैपिंग की गई।



