आलू फसल निरीक्षण: उद्यानिकी मंत्री कुशवाह ने बताई खेती को लाभ का धंधा बनाने की राह

– कोल्ड स्टोरेज व प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए शासकीय योजनाओं का लाभ उठाएं किसान- उद्यानिकी मंत्री कुशवाह
– खेत से फैक्ट्री तक: किसानों की आय बढ़ाने पर मंत्री कुशवाह का जोर
देवास। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायणसिंह कुशवाह ने बुधवार को विकासखण्ड देवास के ग्राम बड़ी चुरलाय में आलू की फसल का निरीक्षण किया। यहां गुरु गंगदास फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत किसानों जगपाल सिकरवार और धर्मेंद्रसिंह राजपूत द्वारा उगाई गई आलू की फसल देखकर मंत्री ने उनकी तकनीक व गुणवत्ता की सराहना की।
फसल निरीक्षण के बाद मंत्री कुशवाह ने देवास क्षेत्र के किसानों से संवाद कर विभिन्न शासकीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान केवल उत्पादन तक सीमित न रहें, बल्कि प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित कर अपनी फसलों का मूल्य संवर्धन करें, जिससे आय में कई गुना बढ़ोतरी होगी।
PMFME योजना की जानकारी-
मंत्री ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) के बारे में बताते हुए कहा कि इस योजना के तहत किसान अपनी फसलों जैसे आलू, प्याज, लहसुन, टमाटर आदि का स्वयं प्रसंस्करण कर सकते हैं। इकाइयों के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी अनुदान के रूप में उपलब्ध है। उन्होंने किसानों को प्रेरित किया कि वे इस योजना का अधिकाधिक लाभ लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करें।

कोल्ड स्टोरेज व प्रोसेसिंग यूनिट पर जोर-
मंत्री कुशवाह ने किसानों से कहा कि कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण इकाइयां खेती को लाभकारी बनाए रखने का बेहतरीन माध्यम हैं। आज जब सब्जियों और फलों के दाम मौसम के अनुसार बदलते हैं, ऐसे में भंडारण की बेहतर सुविधा किसानों को नुकसान से बचाती है और उचित समय पर सही मूल्य दिलाती है।
‘एक बगिया मां के नाम’ योजना पर विशेष जानकारी-
कार्यक्रम में मंत्री ने जिले में संचालित “एक बगिया मां के नाम” योजना की जानकारी भी दी। इस योजना के तहत महिला किसानों को 1 एकड़ क्षेत्र में तार फेंसिंग और फलदार पौधों (आम, अमरूद, नींबू, संतरा आदि) के रोपण पर 2.80 लाख रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जाती है। उन्होंने महिलाओं से इस योजना से जुड़ने की अपील की।
किसानों ने साझा किए अपने अनुभव-
कार्यक्रम में एफपीओ अध्यक्ष जगपालसिंह सिकरवार ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी और बताया कि बागली क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों की पैदावार अत्यधिक होती है। किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन मिलते रहने से उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होता है।

उन्नत किसान जगदीश नागर ने कहा कि फल-सब्जियों की खेती किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकती है। उन्होंने सरकार से उद्यानिकी फसलों के उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए ठोस नीति बनाने की मांग की।

मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किसान धर्मेंद्रसिंह राजपूत ने अपने संबोधन में मिश्रित खेती, जैविक खाद के उपयोग एवं खेत की मेढ़ पर पौधारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इन उपायों से उत्पादन लागत घटती है और मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।

अधिकारियों की उपस्थिति-
कार्यक्रम में अपर संचालक उद्यानिकी कमल किराड़, संयुक्त संचालक उद्यानिकी उज्जैन संभाग आशीष कनेश, जिला उद्यानिकी विभाग के अधिकारी व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन उपसंचालक उद्यान राजू बड़वाया ने किया और आभार व्यक्त किया।



