परमात्मा के स्मरण से ही मनुष्य आत्माओं को शक्ति प्राप्त होती है- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी

देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कालानी बाग सेंटर पर नित्य अमृतवाणी में ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने कहा कि परमधाम आत्माओं व परमात्मा का मूल निवास स्थान है। जहां अखंड मौन का वातावरण होता है, वहां आत्माओं को अपने परमपिता परमात्मा शिव का सानिध्य मिलता है।
जिस प्रकार एक सर्जन शरीर को अचेत कर ऑपरेशन करता है, उसी प्रकार परमधाम में शिव का सानिध्य ही उपचार है। परंतु इससे वह सतयुग प्रालब्ध नहीं बनती। जो संगम युग पर साकार में ईश्वरीय सानिध्य से बनती है। साकार में जब पुरुषार्थ आत्मिक स्थिति में मौन धारण कर शिव से योग्य होता है, तो वह निरोगी व पावन हो जाता है। दीदी ने आगे कहा, कि सहनशीलता के महत्व को ध्यान में रखते हुए अमृत वेले में शिव बाबा के इस गुण को दिव्य करने को आत्मा में महसूसता के साथ भरते रहे। जब तक कि आप आत्मा इसका स्वरूप न बन जाए। इसके साथ संकल्प भी ले कि आज सारा दिन सहनशील बनकर रहना है।

स्वयं चेक भी करें की कितनी सफलता मिली। सर्वशक्तिमान परमात्मा का स्मरण करने से ही सहनशक्ति या कोई भी शक्ति मनुष्य आत्माओं को प्राप्त होती है। परमात्मा का नित्य स्मरण करते हैं तो किसी भी परिस्थिति को सहज ही सहनशील होकर पार कर सकते हैं। किसी भी महान लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहनशीलता का दिव्य गुण होना अति आवश्यक है। इस अवसर पर संस्था से जुड़े भाई-बहन उपस्थित थे।




